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Sunday, August 10, 2025
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rakshabandhanspecialपांच मुस्लिम बहनों के दो हिंदू भाई शहर में बने मिसाल

बुरहानपुर की दीदीयों ने तैयार की ईको फ्रेंडली राखियां

rakshabandhanspecialबुरहानपुर (सोशल रिपोर्टर) मप्र के बुरहानपुर शहर में रक्षाबंधन पर्व पर हिंदू मुस्लिम एकता और गंगा जमुनी तहजीब नजर आई, पांच मुस्लिम बहने अपने दो हिंदू भाईयों को राखी बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है –


मप्र के बुरहानपुर शहर में हर त्यौहार में हिंदू मुस्लिम एकता या यह कहे गंगा जमुनी तहजीब के नजारे दिखाई देते है भाई बहन के पवित्र के रिश्ते रक्षाबंधन पर्व पर भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जहां पांच मुस्लिम बहने अपने दो हिंदू भाईयों को उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है
दरअसल शहर के दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे बताते है 8 साल पहले पार्षद चुनाव के समय डाकवाडी वार्ड में जनसंपर्क कर रहे थे यह पांच मुस्लिम समाज की बहने संपर्क में आई दोनो दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे को पता चला इन बहनों का कोई भी भाई नहीं है और यह बहने अपने जीवन में एक भी भाई नहीं होने से काफी दुखी रहती है यह सुनकर दोनों दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे ने यह तय किया वह इन पांचों बहनों के जीवन में जो भाई की कमी है उस कमी को वह भाई बनकर पूरा करेंगे और तब से सभी मुस्लिम बहने अपने दोनों हिंदू भाईयों को रक्षाबंधन पर नियमित राखी बांधने पहुंचती है दोनो भाई भी जात पात की परवाह किए बगैर अपनी बहनों की हर सुख दुख और समस्या में उनके साथ खडे नजर आते है भाईयों की कमी के चलते अपने दो भाईयो के मिलने पर यह बहने भी काफी खूश है बहन खैरुनिसा और जैबुन निसा बताती है ईश्वर के दिए से उनके पास सबकुछ है लेकिन उनका कोई भाई नहीं था यह कमी उन्हें हमेशा खलती थी और उन्होने कभी यह सोचा भी नहीं था यह दो भाई दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे उनके लिए भाई नहीं फरिश्ता बनकर आएंगे वार्ड पार्षद चुनाव के दौरान यह दोनों भाई अकसर हमारे घर चुनाव प्रचार और जनसंपर्क के लिए आते थे जब उन्हें पता चला कि हमारे जीवन में एक भाई की कमी है ऐसे में दोनों ने उनका भाई बनकर पवित्र रिश्ते को निभाने की पेशकश की हम पांचो बहनों ने इसे स्वीकार कर लिया और तब से आज तक हर रक्षा बंधन पर हम उनके घर राखी बांधने पहुंचते है यह दोनों भाई हमारे लिए सगे भाई से भी बढकर है जो हमेशा हमारे सुख दुख में हमारे और हमारे परिवार के साथ खडे रहते है

समाजसेवा से जुडी गौरी दिनेश शर्मा कहती है

भाई बहन के पवित्र रिश्ते में जात पात का कोई बंधन नहीं होता है आज देश में जात पात से ऊपर उठकर रिश्ते निभाने की जरूरत है

बुरहानपुर जिला अस्पताल की यह खबर भी जरूर पढे 

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मप्र के बुरहानपुर शहर में हर त्यौहार में हिंदू मुस्लिम एकता या यह कहे गंगा जमुनी तहजीब के नजारे दिखाई देते है भाई बहन के पवित्र के रिश्ते रक्षाबंधन पर्व पर भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जहां पांच मुस्लिम बहने अपने दो हिंदू भाईयों को उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है
दरअसल शहर के दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे बताते है 8 साल पहले पार्षद चुनाव के समय डाकवाडी वार्ड में जनसंपर्क कर रहे थे यह पांच मुस्लिम समाज की बहने संपर्क में आई दोनो दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे को पता चला इन बहनों का कोई भी भाई नहीं है और यह बहने अपने जीवन में एक भी भाई नहीं होने से काफी दुखी रहती है यह सुनकर दोनों दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे ने यह तय किया वह इन पांचों बहनों के जीवन में जो भाई की कमी है उस कमी को वह भाई बनकर पूरा करेंगे और तब से सभी मुस्लिम बहने अपने दोनों हिंदू भाईयों को रक्षाबंधन पर नियमित राखी बांधने पहुंचती है दोनो भाई भी जात पात की परवाह किए बगैर अपनी बहनों की हर सुख दुख और समस्या में उनके साथ खडे नजर आते है भाईयों की कमी के चलते अपने दो भाईयो के मिलने पर यह बहने भी काफी खूश है बहन खैरुनिसा और जैबुन निसा बताती है ईश्वर के दिए से उनके पास सबकुछ है लेकिन उनका कोई भाई नहीं था यह कमी उन्हें हमेशा खलती थी और उन्होने कभी यह सोचा भी नहीं था यह दो भाई दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे उनके लिए भाई नहीं फरिश्ता बनकर आएंगे वार्ड पार्षद चुनाव के दौरान यह दोनों भाई अकसर हमारे घर चुनाव प्रचार और जनसंपर्क के लिए आते थे जब उन्हें पता चला कि हमारे जीवन में एक भाई की कमी है ऐसे में दोनों ने उनका भाई बनकर पवित्र रिश्ते को निभाने की पेशकश की हम पांचो बहनों ने इसे स्वीकार कर लिया और तब से आज तक हर रक्षा बंधन पर हम उनके घर राखी बांधने पहुंचते है यह दोनों भाई हमारे लिए सगे भाई से भी बढकर है जो हमेशा हमारे सुख दुख में हमारे और हमारे परिवार के साथ खडे रहते है

समाजसेवा से जुडी गौरी दिनेश शर्मा कहती है

भाई बहन के पवित्र रिश्ते में जात पात का कोई बंधन नहीं होता है आज देश में जात पात से ऊपर उठकर रिश्ते निभाने की जरूरत है

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मप्र के बुरहानपुर शहर में हर त्यौहार में हिंदू मुस्लिम एकता या यह कहे गंगा जमुनी तहजीब के नजारे दिखाई देते है भाई बहन के पवित्र के रिश्ते रक्षाबंधन पर्व पर भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जहां पांच मुस्लिम बहने अपने दो हिंदू भाईयों को उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है
दरअसल शहर के दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे बताते है 8 साल पहले पार्षद चुनाव के समय डाकवाडी वार्ड में जनसंपर्क कर रहे थे यह पांच मुस्लिम समाज की बहने संपर्क में आई दोनो दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे को पता चला इन बहनों का कोई भी भाई नहीं है और यह बहने अपने जीवन में एक भी भाई नहीं होने से काफी दुखी रहती है यह सुनकर दोनों दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे ने यह तय किया वह इन पांचों बहनों के जीवन में जो भाई की कमी है उस कमी को वह भाई बनकर पूरा करेंगे और तब से सभी मुस्लिम बहने अपने दोनों हिंदू भाईयों को रक्षाबंधन पर नियमित राखी बांधने पहुंचती है दोनो भाई भी जात पात की परवाह किए बगैर अपनी बहनों की हर सुख दुख और समस्या में उनके साथ खडे नजर आते है भाईयों की कमी के चलते अपने दो भाईयो के मिलने पर यह बहने भी काफी खूश है बहन खैरुनिसा और जैबुन निसा बताती है ईश्वर के दिए से उनके पास सबकुछ है लेकिन उनका कोई भाई नहीं था यह कमी उन्हें हमेशा खलती थी और उन्होने कभी यह सोचा भी नहीं था यह दो भाई दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे उनके लिए भाई नहीं फरिश्ता बनकर आएंगे वार्ड पार्षद चुनाव के दौरान यह दोनों भाई अकसर हमारे घर चुनाव प्रचार और जनसंपर्क के लिए आते थे जब उन्हें पता चला कि हमारे जीवन में एक भाई की कमी है ऐसे में दोनों ने उनका भाई बनकर पवित्र रिश्ते को निभाने की पेशकश की हम पांचो बहनों ने इसे स्वीकार कर लिया और तब से आज तक हर रक्षा बंधन पर हम उनके घर राखी बांधने पहुंचते है यह दोनों भाई हमारे लिए सगे भाई से भी बढकर है जो हमेशा हमारे सुख दुख में हमारे और हमारे परिवार के साथ खडे रहते है

समाजसेवा से जुडी गौरी दिनेश शर्मा कहती है

भाई बहन के पवित्र रिश्ते में जात पात का कोई बंधन नहीं होता है आज देश में जात पात से ऊपर उठकर रिश्ते निभाने की जरूरत है

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दरअसल शहर के दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे बताते है 8 साल पहले पार्षद चुनाव के समय डाकवाडी वार्ड में जनसंपर्क कर रहे थे यह पांच मुस्लिम समाज की बहने संपर्क में आई दोनो दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे को पता चला इन बहनों का कोई भी भाई नहीं है और यह बहने अपने जीवन में एक भी भाई नहीं होने से काफी दुखी रहती है यह सुनकर दोनों दोस्तों दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे ने यह तय किया वह इन पांचों बहनों के जीवन में जो भाई की कमी है उस कमी को वह भाई बनकर पूरा करेंगे और तब से सभी मुस्लिम बहने अपने दोनों हिंदू भाईयों को रक्षाबंधन पर नियमित राखी बांधने पहुंचती है दोनो भाई भी जात पात की परवाह किए बगैर अपनी बहनों की हर सुख दुख और समस्या में उनके साथ खडे नजर आते है भाईयों की कमी के चलते अपने दो भाईयो के मिलने पर यह बहने भी काफी खूश है बहन खैरुनिसा और जैबुन निसा बताती है ईश्वर के दिए से उनके पास सबकुछ है लेकिन उनका कोई भाई नहीं था यह कमी उन्हें हमेशा खलती थी और उन्होने कभी यह सोचा भी नहीं था यह दो भाई दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे उनके लिए भाई नहीं फरिश्ता बनकर आएंगे वार्ड पार्षद चुनाव के दौरान यह दोनों भाई अकसर हमारे घर चुनाव प्रचार और जनसंपर्क के लिए आते थे जब उन्हें पता चला कि हमारे जीवन में एक भाई की कमी है ऐसे में दोनों ने उनका भाई बनकर पवित्र रिश्ते को निभाने की पेशकश की हम पांचो बहनों ने इसे स्वीकार कर लिया और तब से आज तक हर रक्षा बंधन पर हम उनके घर राखी बांधने पहुंचते है यह दोनों भाई हमारे लिए सगे भाई से भी बढकर है जो हमेशा हमारे सुख दुख में हमारे और हमारे परिवार के साथ खडे रहते है

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