madhyapradesh बुरहानपुर, 26 जून(भारत चौहान) –madhyapradesh के burhanpur जिले में आदिवासियों के 8 हजार से अधिक वनाधिकार पट्टों को निरस्त किए जाने का मामला अब स्थानीय मुद्दा न रहकर राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगा है। इस मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज लगातार आंदोलित है और अब यह आवाज दिल्ली तक पहुंच गई है।
धुलकोट सम्मेलन से शुरू हुआ संघर्ष, जनसुनवाई और आदिवासी सम्मेलन बुरहानपुर होते हुए अब भोपाल और फिर नई दिल्ली तक पहुँच गया। हाल ही में आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी से मुलाकात की।
नई दिल्ली स्थित 10 जनपथ पर हुई इस विशेष बैठक में राहुल गांधी ने आदिवासियों की पीड़ा को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि *“आदिवासी इस देश के पहले मालिक हैं, उनके जल, जंगल और जमीन पर हो रहे अन्याय के खिलाफ मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।”* उन्होंने वादा किया कि यह मुद्दा लोकसभा और विधानसभा दोनों में मजबूती से उठाया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में डिंडोरी विधायक ओमकार मरकाम, आदिवासी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रामु टेकाम, पोरलाल खरते, अंतर सिंह बर्डे और पवन कुमार बर्डे शामिल थे।
बैठक में बुरहानपुर जिले में पट्टों की निरस्तीकरण की विस्तृत जानकारी दी गई और इसे संविधान के विरुद्ध बताया गया। आदिवासी संगठनों ने साफ कहा है कि जब तक पट्टे बहाल नहीं होते, संघर्ष जारी रहेगा।
राहुल गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर बैठक की तस्वीरें साझा करने और समर्थन जताने से आदिवासी समाज में नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार हुआ है।