madhyapradesh के burhanpur में मोहर्रम पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी शिया मुस्लिम समुदाय ने कर्बला के शहीदों की याद में मातमी जुलूस निकाला, जूलूस सिंधीपुरा इमाम बाडा से शुरू होकर शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए दोबारा इमाम बाडे में पहुंचकर समाप्त हुआ मातमी
तिरंगा झंडा रहा आकर्षण का केंद्र
शिया मुस्लिम समुदाय के व्दारा हजरत इमाम हुसैन व कर्बला के शहीदों के याद में जूलूस निकाला गया इस जूलूस में भारत का झंडा तिरंगा झंडा आकर्षण का केंद्र रहा जूलूस की अगवाई में तिरंगा झंडा भी शामिल किया गया
धार्मिक प्रवचन सुन भावुक हुए
इस दौरान जगह जगह शिया मुस्लिम धर्मगुरूओ ने धार्मिक प्रवचन देकर कर्बला के शहीदों को जो यातनाए दी गई थी उसका विस्तार उल्लेख किया यह सुनकर जूलूस में शामिल शिया मुस्लिम समुदाय के युवा बुजुर्ग काफी भावुक हो गए साथ ही दूसरे समाज के जो लोग जूलूस देखने पहुंचे वह भी प्रवचन सुनकर भावुक हो गए
समाज के बच्चे युवा बुजुर्गों ने दी खूद को दी यातनाए
शिया मुस्लिम धर्मगुरू कर्बला में शहीदों ने जो यातनाए सही उसका प्रवचन दे रहे थे यह सुनकर समाज के युवा काफी भावुक हो गए उस पीडा को महसूस करने के लिए समाज के युवा बुजुर्गों ने मातम कर अपने शरीर पर यातनाए दी जिससे कई लोगो के शरीर पर खून तक निकल आया
इमाम हुसैन ना होते तो इंसानियत का अस्तित्व ना होता
शिया मुस्लिम धर्मगुरू सैय्यद रजा आबेदी ने बताया अगर उस समय हजरत इमाम हुसैन यजीद से जंग नहीं करते तो आज दुनिया में इंसानियत का अस्तित्व नही होता उन्होने कहा कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत आज भी प्रासंगिक है जो यह संदेश देती है कि हमेशा अत्याचारी के खिलाफ आवाज उठाओ और पीडितो के पक्ष में खडे रहो