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खबर क्या है?
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने अनयास उपराष्ट्रपति पद से त्याग पत्र दे दिया है उन्होंने अपने त्याग पत्र में सेहत खराब होने का हवाला देते हुए त्याग पत्र देने की वजह बताई है श्री धनखड ने राष्ट्रपति को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है राष्ट्रपति को दिए अपने त्याग पत्र में संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का उल्लेख करके अपना त्याग पत्र दिया है
सांसदों का माना धन्यवाद
उपराष्ट्रपति जनदीप धनखड ने देश की उपलब्धियों को याद करते हुए सभी सांसदों का धन्यवाद ज्ञापित किया है उन्होने कहा मैने मेरे कार्यकाल में देश को आर्थिक रूप से विकसित होते देखा है इस अवसर का साक्षी बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है मुझे उम्मीद है देश का भविष्य काफी उज्जवल है
जनखड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्री परिषद का भी आभार व्यक्त किया उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के मिले सहयोग का भी आभार व्यक्त किया उन्होने कहा उन्होने अपने इस कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा है सांसदों ने जो अभूतपूर्व सहयोग दिया वह मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा
एक नजर उपराष्ट्रपति के कार्यकाल पर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड का लगभग तीन साल का कार्यकाल रहा है अगस्त 2022 को जगदीप धनखड देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे उनके सामने विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में मार्गेट अलवा थी इससे पहले जनदीप धनखड पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे
जगदीप धनखड का सियासी सफर पर एक नजर
जगदीप धनखड ने जनता दल से अपने सियासत का सफर शुरू किया उनका जन्म 18 मई 1951 में झुंझुनु जिले में कृषक परिवार के यहां हुआ था कानून की शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होने कई सालों तक राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत की सबसे पहले 1989 में जनता दल से झूंझूनु से सांसद निर्विचत हुए जबकि 1993 में कांग्रेस के टिकट इसी सीट से विधायक बने थे उन्होने 2008 में बीजेपी का दामन थामा था