pmo प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने madhyapradesh के burhanpur जिले में आज कलेक्टर बुरहानपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन अखिल भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ नई दिल्ली एवं प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन भोपाल के आव्हान पर सौंपा गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पेंशन नियमों में किए जा रहे भेदभाव पर आपत्ति जताई गई। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के चलते अब सरकार को पूर्व और वर्तमान पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है, जो न केवल उच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन है, बल्कि 01 जनवरी 2016 के पहले और बाद के पेंशनर्स के बीच समानता को भी खतरे में डालता है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा है, जो बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण अवधि देश की सेवा में समर्पित की, उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव न्यायसंगत नहीं है। ज्ञापन में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि वह इस मामले में पुनर्विचार करे और यह सुनिश्चित करे कि पूर्व पेंशनर्स को मिलने वाली सुविधाएं यथावत बनी रहें। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अताउल्ला खान, उपाध्यक्ष प्रकाश मराठे, कोषाध्यक्ष रामदास सगरे सहित कई पेंशनर सदस्य उपस्थित थे।
pmo,प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने दिया प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन
pmo,प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने दिया प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन
pmo प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने madhyapradesh के burhanpur जिले में आज कलेक्टर बुरहानपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन अखिल भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ नई दिल्ली एवं प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन भोपाल के आव्हान पर सौंपा गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पेंशन नियमों में किए जा रहे भेदभाव पर आपत्ति जताई गई। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के चलते अब सरकार को पूर्व और वर्तमान पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है, जो न केवल उच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन है, बल्कि 01 जनवरी 2016 के पहले और बाद के पेंशनर्स के बीच समानता को भी खतरे में डालता है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा है, जो बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण अवधि देश की सेवा में समर्पित की, उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव न्यायसंगत नहीं है। ज्ञापन में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि वह इस मामले में पुनर्विचार करे और यह सुनिश्चित करे कि पूर्व पेंशनर्स को मिलने वाली सुविधाएं यथावत बनी रहें। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अताउल्ला खान, उपाध्यक्ष प्रकाश मराठे, कोषाध्यक्ष रामदास सगरे सहित कई पेंशनर सदस्य उपस्थित थे।
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pmo प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने madhyapradesh के burhanpur जिले में आज कलेक्टर बुरहानपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन अखिल भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ नई दिल्ली एवं प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन भोपाल के आव्हान पर सौंपा गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पेंशन नियमों में किए जा रहे भेदभाव पर आपत्ति जताई गई। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के चलते अब सरकार को पूर्व और वर्तमान पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है, जो न केवल उच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन है, बल्कि 01 जनवरी 2016 के पहले और बाद के पेंशनर्स के बीच समानता को भी खतरे में डालता है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा है, जो बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण अवधि देश की सेवा में समर्पित की, उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव न्यायसंगत नहीं है। ज्ञापन में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि वह इस मामले में पुनर्विचार करे और यह सुनिश्चित करे कि पूर्व पेंशनर्स को मिलने वाली सुविधाएं यथावत बनी रहें। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अताउल्ला खान, उपाध्यक्ष प्रकाश मराठे, कोषाध्यक्ष रामदास सगरे सहित कई पेंशनर सदस्य उपस्थित थे।
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pmo प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने madhyapradesh के burhanpur जिले में आज कलेक्टर बुरहानपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन अखिल भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ नई दिल्ली एवं प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन भोपाल के आव्हान पर सौंपा गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पेंशन नियमों में किए जा रहे भेदभाव पर आपत्ति जताई गई। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के चलते अब सरकार को पूर्व और वर्तमान पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है, जो न केवल उच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लंघन है, बल्कि 01 जनवरी 2016 के पहले और बाद के पेंशनर्स के बीच समानता को भी खतरे में डालता है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा है, जो बुजुर्गों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने जीवन की महत्वपूर्ण अवधि देश की सेवा में समर्पित की, उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव न्यायसंगत नहीं है। ज्ञापन में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि वह इस मामले में पुनर्विचार करे और यह सुनिश्चित करे कि पूर्व पेंशनर्स को मिलने वाली सुविधाएं यथावत बनी रहें। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अताउल्ला खान, उपाध्यक्ष प्रकाश मराठे, कोषाध्यक्ष रामदास सगरे सहित कई पेंशनर सदस्य उपस्थित थे।