अनियमित मौसम से किसानों को राहत प्रदान करेगा फसल बीमा
31 जुलाई तक जमा कराना होगा फसल बीमा प्रीमियम
pmfasalbeemayojnaबुरहानपुर/15 जुलाई, 2025/- उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग श्री एम.एस.देवके ने जानकारी देते हुए बताया कि, खरीफ फसलों में सोयाबीन, कपास, मक्का, तुअर का बीमा कराया जा सकता है। तहसील स्तर पर कपास फसल तथा पटवारी हल्का स्तर पर सोयाबीन के 148, तुअर के 52 एवं मक्का फसल के लिए 168 पटवारी हल्का अधिसूचना में है, खरीफ की समस्त फसलों के लिए 2 प्रतिशत तथा कपास फसल के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम जमा कराना होगा, अधिसूचित पटवारी हल्का के असिूचित फसल के लिये कोई भी किसान चाहे वह ऋणी हो या अऋणी तथा डिफाल्टर किसान भी अपने बैंक खाता में प्रीमियम जमा करने के साथ बुआई प्रमाण पत्र भरकर जमा करें। अऋणी किसानों लिये फसल बुवाई प्रमाण पत्र पर स्वअघोषित प्रमाणित कर नजदीकी बैंक शाखा एवं लोकसेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रीमियम राशि जमा करा सकते है, अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 से पूर्व फसलों की प्रीमियम राशि जमा कराना होगी।
खड़ी फसल से लेकर कटाई तक गैरबाधित जोखिम जैसे- सूखा, लंबी अवधि का सूखा, कीट व रोग, बाढ, जलभराव, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, आकाषीय बिजली, तुफान, ओलावृष्टि, चक्रवात के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सूरक्षा के लिये वृहद जोखिम बीमा दिया जाता है। फसल कटाई के उपरांत होने वाले नूकसान जैसे- फसल कटने के दो सप्ताह की अवधि में ओलावृष्टि, चक्रवाती वर्षा एवं गैर मौसमी वर्षा के मामले में दिया जाता है। किसान भाईयों से आग्रह है कि फसल की सुरक्षा के लिये 31 जुलाई, 2025 तक फसल बीमा अवश्य करायें।
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प्राकृतिक खेती की जागरूकता गांव-गांव में फैलाई जा रही है
बुरहानपुर/15 जुलाई, 2025/- जिले में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत कृषि विस्तार अधिकारी एवं आत्मा की टीम द्वारा ग्राम धार-बेलथड, सांईखेडा, धावडी, रेहमानपुरा के किसानों की चौपाल आयोजित रही। इस दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती के संबंध मंे प्रशिक्षण दिया गया। कृषि विस्तार अधिकारी श्री सी.एल. पाटील, श्री निखिल पाटील, सुश्री कनक ससाने द्वारा किसानों को नीमास्त्र बनाने की विधी बताई गई। किसानों को जानकारी दी गई कि, एक एकड के लिये ड्रम मंे 100 लीटर पानी, गौमुत्र 5 लीटर गोबर 1 किलोग्राम, नीम या स्थानीयें रूप से उपलब्ध पौधों में से किसी एक की हरी पतियां 5 किलोग्राम इन सभी सामग्रियांे को मिलाकर ड्रम में डण्डे से घोलकर जुट की बोरी से ढ़क दें। इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए छोड दे ओर इस दौरान सुबह-शाम 2-2 मिनट घोलकर तैयार होने के बाद इसका छिडकांव करें।