burhanpurnews बुरहानपुर।(पॉलिटिकल रिपोर्टर)बुरहानपुर के कई वार्डों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति को लेकर जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। जलावर्धन योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल देने के उद्देश्य से शुरू की गई व्यवस्था अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। पिछले एक सप्ताह से कई वार्डों में गंदा, मटमैला और दुर्गंधयुक्त पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे नगरवासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर कांग्रेस पार्षद दल ने मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर हर्ष सिंह को ज्ञापन सौंपा और तत्काल सुधार की मांग की।
कांग्रेस नेता अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते नागरिकों को पीने के लिए दूषित पानी मिल रहा है। कई बार शिकायतों के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों और बुजुर्गों में पेट संबंधी बीमारियाँ फैल रही हैं। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जमीनी स्तर पर नगर निगम की उदासीनता साफ दिख रही है।
नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने भी हालात की पुष्टि करते हुए माना कि कुछ क्षेत्रों में जलापूर्ति की गुणवत्ता बेहद खराब हुई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है और समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि विपक्ष ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि समस्या की जड़ में ही नगर निगम की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली है।
ज्ञापन में कांग्रेस ने केवल पानी की समस्या ही नहीं, बल्कि शहर की अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी चिंता जताई। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, सफाई कर्मचारियों की पर्याप्त नियुक्ति और नालों की नियमित सफाई जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खराब सड़कों और जलजमाव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था ठप पड़ चुकी है और कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हैं।
साथ ही कांग्रेस ने शहर में हाथ ठेला व्यवसायियों के लिए एक नियोजित हॉकर्स ज़ोन बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे इन लोगों को बिना किसी स्थान के मजबूरी में सड़कों पर खड़ा होना पड़ता है, जिससे यातायात और व्यवसाय दोनों प्रभावित होते हैं।
कांग्रेस पार्षद दल ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक विषय नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं का मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कुल मिलाकर, बुरहानपुर की जनता गंदे पानी, खराब सफाई व्यवस्था और टूटी सड़कों के बीच त्रस्त है। जबकि चुनावी वादों में विकास और शुद्ध पेयजल की बातें की जाती हैं, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। अब देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन कांग्रेस की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और शहर की इन बुनियादी समस्याओं का समाधान कब और कैसे करता है।
burhanpurnews,बुरहानपुर में गंदे पानी की समस्या पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने नगर निगम को घेरा
burhanpurnews,बुरहानपुर में गंदे पानी की समस्या पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने नगर निगम को घेरा
burhanpurnews बुरहानपुर।(पॉलिटिकल रिपोर्टर)बुरहानपुर के कई वार्डों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति को लेकर जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। जलावर्धन योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल देने के उद्देश्य से शुरू की गई व्यवस्था अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। पिछले एक सप्ताह से कई वार्डों में गंदा, मटमैला और दुर्गंधयुक्त पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे नगरवासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर कांग्रेस पार्षद दल ने मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर हर्ष सिंह को ज्ञापन सौंपा और तत्काल सुधार की मांग की।
कांग्रेस नेता अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते नागरिकों को पीने के लिए दूषित पानी मिल रहा है। कई बार शिकायतों के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों और बुजुर्गों में पेट संबंधी बीमारियाँ फैल रही हैं। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जमीनी स्तर पर नगर निगम की उदासीनता साफ दिख रही है।
नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने भी हालात की पुष्टि करते हुए माना कि कुछ क्षेत्रों में जलापूर्ति की गुणवत्ता बेहद खराब हुई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है और समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि विपक्ष ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि समस्या की जड़ में ही नगर निगम की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली है।
ज्ञापन में कांग्रेस ने केवल पानी की समस्या ही नहीं, बल्कि शहर की अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी चिंता जताई। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, सफाई कर्मचारियों की पर्याप्त नियुक्ति और नालों की नियमित सफाई जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खराब सड़कों और जलजमाव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था ठप पड़ चुकी है और कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हैं।
साथ ही कांग्रेस ने शहर में हाथ ठेला व्यवसायियों के लिए एक नियोजित हॉकर्स ज़ोन बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे इन लोगों को बिना किसी स्थान के मजबूरी में सड़कों पर खड़ा होना पड़ता है, जिससे यातायात और व्यवसाय दोनों प्रभावित होते हैं।
कांग्रेस पार्षद दल ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक विषय नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं का मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कुल मिलाकर, बुरहानपुर की जनता गंदे पानी, खराब सफाई व्यवस्था और टूटी सड़कों के बीच त्रस्त है। जबकि चुनावी वादों में विकास और शुद्ध पेयजल की बातें की जाती हैं, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। अब देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन कांग्रेस की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और शहर की इन बुनियादी समस्याओं का समाधान कब और कैसे करता है।
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burhanpurnews बुरहानपुर।(पॉलिटिकल रिपोर्टर)बुरहानपुर के कई वार्डों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति को लेकर जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। जलावर्धन योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल देने के उद्देश्य से शुरू की गई व्यवस्था अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। पिछले एक सप्ताह से कई वार्डों में गंदा, मटमैला और दुर्गंधयुक्त पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे नगरवासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर कांग्रेस पार्षद दल ने मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर हर्ष सिंह को ज्ञापन सौंपा और तत्काल सुधार की मांग की।
कांग्रेस नेता अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते नागरिकों को पीने के लिए दूषित पानी मिल रहा है। कई बार शिकायतों के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों और बुजुर्गों में पेट संबंधी बीमारियाँ फैल रही हैं। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जमीनी स्तर पर नगर निगम की उदासीनता साफ दिख रही है।
नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने भी हालात की पुष्टि करते हुए माना कि कुछ क्षेत्रों में जलापूर्ति की गुणवत्ता बेहद खराब हुई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है और समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि विपक्ष ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि समस्या की जड़ में ही नगर निगम की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली है।
ज्ञापन में कांग्रेस ने केवल पानी की समस्या ही नहीं, बल्कि शहर की अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी चिंता जताई। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, सफाई कर्मचारियों की पर्याप्त नियुक्ति और नालों की नियमित सफाई जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खराब सड़कों और जलजमाव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था ठप पड़ चुकी है और कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हैं।
साथ ही कांग्रेस ने शहर में हाथ ठेला व्यवसायियों के लिए एक नियोजित हॉकर्स ज़ोन बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे इन लोगों को बिना किसी स्थान के मजबूरी में सड़कों पर खड़ा होना पड़ता है, जिससे यातायात और व्यवसाय दोनों प्रभावित होते हैं।
कांग्रेस पार्षद दल ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक विषय नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं का मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कुल मिलाकर, बुरहानपुर की जनता गंदे पानी, खराब सफाई व्यवस्था और टूटी सड़कों के बीच त्रस्त है। जबकि चुनावी वादों में विकास और शुद्ध पेयजल की बातें की जाती हैं, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। अब देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन कांग्रेस की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और शहर की इन बुनियादी समस्याओं का समाधान कब और कैसे करता है।
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burhanpurnews बुरहानपुर।(पॉलिटिकल रिपोर्टर)बुरहानपुर के कई वार्डों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति को लेकर जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। जलावर्धन योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल देने के उद्देश्य से शुरू की गई व्यवस्था अब लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। पिछले एक सप्ताह से कई वार्डों में गंदा, मटमैला और दुर्गंधयुक्त पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे नगरवासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर कांग्रेस पार्षद दल ने मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर हर्ष सिंह को ज्ञापन सौंपा और तत्काल सुधार की मांग की।
कांग्रेस नेता अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते नागरिकों को पीने के लिए दूषित पानी मिल रहा है। कई बार शिकायतों के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों और बुजुर्गों में पेट संबंधी बीमारियाँ फैल रही हैं। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाया कि योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं और जमीनी स्तर पर नगर निगम की उदासीनता साफ दिख रही है।
नगर निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने भी हालात की पुष्टि करते हुए माना कि कुछ क्षेत्रों में जलापूर्ति की गुणवत्ता बेहद खराब हुई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया है और समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि विपक्ष ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि समस्या की जड़ में ही नगर निगम की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली है।
ज्ञापन में कांग्रेस ने केवल पानी की समस्या ही नहीं, बल्कि शहर की अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी चिंता जताई। स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, सफाई कर्मचारियों की पर्याप्त नियुक्ति और नालों की नियमित सफाई जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खराब सड़कों और जलजमाव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था ठप पड़ चुकी है और कई इलाकों में कचरे के ढेर लगे हैं।
साथ ही कांग्रेस ने शहर में हाथ ठेला व्यवसायियों के लिए एक नियोजित हॉकर्स ज़ोन बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे इन लोगों को बिना किसी स्थान के मजबूरी में सड़कों पर खड़ा होना पड़ता है, जिससे यातायात और व्यवसाय दोनों प्रभावित होते हैं।
कांग्रेस पार्षद दल ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक विषय नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं का मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कुल मिलाकर, बुरहानपुर की जनता गंदे पानी, खराब सफाई व्यवस्था और टूटी सड़कों के बीच त्रस्त है। जबकि चुनावी वादों में विकास और शुद्ध पेयजल की बातें की जाती हैं, ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। अब देखना होगा कि नगर निगम प्रशासन कांग्रेस की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और शहर की इन बुनियादी समस्याओं का समाधान कब और कैसे करता है।