Burhanpur Mawa Jalebiबुरहानपुर (बिजनेस रिपोर्टर) मप्र के ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर (Burhanpur) की पहचान अब देश विदेश में यहां बनने वाले खान पान और व्यंजनों से भी होने लगी है इसमें बुरहानपुर की शान शहर में बनने वाली मावा जलेबी भी शामिल है Historical City Burhanpur बुरहानपुर शहर के नागरिकों के अलावा शहर में आने वाले देशी विदेशी पर्यटक और शहरवासियों के यहां आने वाले मेहमान बुरहानपुर की मशहुर मावा जलेबी का स्वाद चखे बिना नहीं रह पाते है इसी के चलते बुरहानपुर शहर में मावा जलेबी के के स्टॉल्स व आउटलेट्स की संख्या भी बढती जा रही है बुरहानपुर की मावा जलेबी की बढती लोकप्रियता और ग्राहको की बढती डिमांड को देखते हुए जहां नए आउटलेट्स खुल रहे है वहीं जो पूराने जलेबी के निर्माता व विक्रेता है उनकी ऩई पीढी अपने अपने स्टॉल्स व आउटलेट्स को अपडेट करके कस्टमर फ्रेंडली बना रहे है इनमें से एक नाम है मुश्ताक जलेबी सेंटर का जो इन दिनों मावा जलेबी के क्षेत्र में काफी प्रसिध्द हो रही है
1967 से संचालित है कडवे नीम के पेड के नीचे मीठी जलेबी की दुकान मुश्ताक जलेबी सेंटर
शहर के मंडी बाजार में हाजी लॉज के पास मुश्ताक जलेबी सेंटर 1967 से संचालित है पहले यहां स्वादिष्ट मैदे की जलेबी व मिठाई मिलती थी जिसके शहरवासी काफी कायल थे इसके बाद इनके व्दारा बडा काला गुलाब जामुन जिसे मावा बाटी भी कहा जाता है शुरू किया गया जो काफी मशहुर हुआ आज भी पीढी दर पीढी ग्राहक इस स्टॉल पर बडा काला गुलाब जामुन खऱीदने आते है इस गुलाब जामुन का स्वाद खाते ही बनता है
ग्राहकों की मांग पर शुरू की मावा जलेबी
मुश्ताक जलेबी सेंटर में मैदे से बनी स्वादिष्ट रसीली जलेबी तैयार की जाती थी लेकिन बुरहानपुर की मावा जलेबी की बढती लोकप्रियता और मांग को देखते हुए मुश्ताक जलेबी सेंटर के संचालकों ने ग्राहको की मांग पर मावा जलेबी बनाना शुरू किया यहां बनने वाली मावा जलेबी के स्वाद को ग्राहक ने खूब पसंद किया आलम यह है कि इस स्वादिष्ट मावा जलेबी की मांग बुरहानपुर शहर के अलावा मप्र के अलग जिलों महाराष्ट्र गुजरात केरल कर्नाटक आंध्रप्रदेश तेलंगाना और तमिलनाडू से आने वाले ग्राहक भी यहां से मावा जलेबी खऱीदते है
मुश्ताक जलेबी सेंटर कस्टरम फ्रेंडली आउट लेट्
मुश्ताक जलेबी की संचालक शेख मुदस्सिर ने बताया उनके पिता शेख मुश्ताक के स्वर्गवास के बाद हम तीनों भाईयों शेख हारून, शेख शहबाज और शेख मुदद्सिर ने अपने व्यवसाय की कमान संभाली और इसमें उनका साथ दिया उनके कारीगर दिलशाद भाई ने
उन्होने बताया अपने पिता व दादा व्दारा स्थापित गुडविल को बरकरार रखते हुए जलेबी मार्केट में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए हमारे वर्षों पूराने ग्राहकों बनाए रखने और नए ग्राहकों को जोडने के लिए हमने एक संयुक्त मार्केट स्ट्रेटेजी बनाई जिसके बाद हमने यह फैसला किया ग्राहको को किफायती दामों और टेस्टी मावा जलेबी काला गुलाब जामुन खोपरा बर्फी और बालु शाही उपलब्ध की जाएगी इसके लिए अपने मुश्ताक जेलबी सेंटर के नए स्वरूप की टैग लाईन हमने दी पहले टेस्ट करें फिर ट्रस्ट करें इसका मतलब है पहले हमारे प्रॉडक्ट खासकर मावा जलेबी काला गुलाब जामुन खोपरा बर्फी और बालु शाही का स्वाद ग्राहक चखे उसके भी बाद ही विश्वास करें और तीनो संचालको की यह मार्केट स्ट्रैटेजी कामयाब हुई बडी संख्या में ग्राहक अब मुश्ताक जलेबी सेंटर में तैयार होने वाली मावा जलेबी व अन्य मिठाई पर अपना भरोसा करने लग रहे है
200 रूपए किलो मावा जलेबी
शेख मुदस्सिर ने बताया वैसे से बाजार में मावा जलेबी 300 रूपए बिक रही है लेकिन हमारे व्दारा अधिक से अधिक ग्राहको को बुरहानपुर की मावा जलेबी का स्वाद मिल सके लिहाजा स्कीम के तहत 200 रूपए प्रति किलो के भाव से मावा जलेबी उपलब्ध की जा रही है उनका कहना है जलेबी के बाजार में ग्राहक अलग अलग स्थानों पर जाकर मावा जलेबी का स्वाद चखता है लेकिन जब एक बार वह हमारे प्रतिष्ठान पर आकर मावा जलेबी का स्वाद चखता है तो फिर कही नहीं जाता है हमारे और ग्राहक के इसी रिश्ते को बरकरार रखने के लिए हमारे व्दारा स्वादिष्ठ मावा जलेबी ग्राहको उपलब्ध कराई जा रही है
तो अगर आप ने अबतक मुश्ताक जलेबी सेंटर में बिकने वाली मावा जलेबी का स्वाद नहीं चखा तो एक बार इसका स्वाद चखे