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Sunday, June 15, 2025
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Mp Pds System : कंट्रोल दुकानों पर खाद्य विभाग का नहीं कोई कंट्रोल

Mp Pds System खाद्य विभाग के निरीक्षकों की निष्क्रियता के चलते राशन दुकानों पर नहीं हो रहा नियमो का पालन, गरीब लोग हो रहे है परेशान

बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) केंद्र की मोदी सरकार गरीब कल्याण योजना संचालित कर रही है जिससे कोरोना काल से लेकर अबतक गरीब जनता को राशन दुकानों से सस्ता अनाज दिए जाने की योजना है मप्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी अफसरो से की अपनी पहली वीडियो कान्फ्रेंस में साफ कर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ समाज की अंतिम कडी यानी गरीब जनता को मिलना चाहिए शिकायत नहीं आना चाहिए साथ ही जो पात्र है लेकिन योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है उन्हें भी योजनाओं से जोडना चाहिए लेकिन बुरहानपुर में खाद् एवं आपूर्ति विभाग की अनदेखी या यह कहे मेहरबानी के चलते जिले में संचालित तथाकथित राशन दुकान संचालक सरकार की इस मंशा को पलिता लगा रहे है राशन दुकान संचालक उनकी दुकानों पर अनाज के लिए पहुंचने वाले गरीब हितग्राहियों को अलग अलग तरह से परेशान कर उनके हक का अनाज कालाबाजारी कर चांदी काट रहे है जब हमने जिलेभर की चुनिंदा राशन दुकानों का मुआयना किया और हितग्राहियों की तकलीफ जानी तो हैरान करने वाली शिकायते सामने आई

केवायसी के नाम पर गडबड झाला

यह भी पढे बुरहानपुर में पहली बार होगा पत्रकारों का महाकुुंभ

कुछ हितग्राहियों ने बताया परिवार में सदस्य संख्या से कम संख्या के मान से अनाज मिलता है शिकायत करने पर केवायसी कराने का बहाना बनाते है राशन कार्ड में नया नाम जुडवाने के बाद महीनो उसे हिस्से का राशन नहीं देते है पूछने पर कहते है आवंटन नहीं मिला है जो परिवार अपने राशन कार्ड का केवायसी करा लेता है तो उसे 2 से 3 महीने तक अनाज का वितरण नहीं किया जाता है यदि कोई हितग्राही परिवार किसी महीने का अनाज नहीं ले पाता तो उसे 3 महीने तक उस महीने का अनाज लेने का नियम है लेकिन दुकान संचालक अगले महीने पहुंचने पर हितग्राही व्दारा पिछले महीने का भी अऩाज मांग पर दुकान संचालक यह कहकर अऩाज दबा लेते है कि आपके हिस्से का अनाज लैप्स हो गया है

दुकान का पता व संचालन का ठिकाना अलग अलग

अगर आप पेटीएम उपयोग करते है तो यह जरूर पढे

जिले की कई दुकाने ऐसी है जिनका खाद्य विभाग में संचालित करने का पता जहां दर्शाया गया है वह दुकान दूसरे स्थान पर संचालित हो रही है शासन ने दुकान की आसानी से पहचान के लिए पीले रंग का साईन बोर्ड लगाने का नियम बनाया है लेकिन दुकान संचालको ने अपनी मनमानी से दुकान की पहचान छुपा दी है

निगरानी समिति महज रस्म अदायगी

राशन दुकान से रहवासी राशन कार्डधारियों व हितग्राहियों को निर्धारित समय व मात्रा में अनाज का वितरण सुनिश्चित हो इसके लिए प्रत्येक राशन दुकान पर निगरानी समितियों के गठन का प्रावधान और निगरानी समिति के सदस्यों के नाम प्रदर्शित करने का नियम है लेकिन तथाकथित राशन दुकान संचालक इस नियम का भी पालन नहीं कर रहे है

गरीबों का अनाज सुरक्षित रखने का अभाव

राशन दुकान पर गरीब हितग्राहियों को बांटा जाने वाले अनाज को भी राशन दुकान संचालक सुरक्षित नहीं रख रहे है अनाज में गंदगी चुहे मौज मस्ती कर रहे है जिससे इस अनाज का सेवन करने से लोगो के स्वास्थ्य पर खराब असर पडने का अंदेशा बना रहता है कई दुकान संचालकों को लेकर हितग्राहियों ने बताया अनाज वितरण में भाईभतीजावाद करते है अधिकतर दुकान संचालको का हितग्राहियों से व्यवहार काफी खराब होने की शिकायते भी मिली दुकानों के समय पर नहीं खुलने की शिकायते तो काफी आम है जानकारों के अनुसार यह सब कवायद तथाकथित दुकान संचालक गरीब के हक के अनाज को कालाबाजार में बेचकर चांदी काटने के लिए करते है

बुजुर्गो व दिव्यांगों को लेकर आदेश का पालन नहीं

बुजुर्ग दिव्यांग हितग्राहियों के घर पर जाकर केवायसी करने व अनाज पहुंचाने के आदेश है लेकिन अधिकतकर दुकान संचालक इस आदेश का पालन नहीं करते है

किराए से चल रही राशन दुकानें

कई दुकानों के किराए से संचालित होने की शिकायत है जो गहन जांच का विषय है
बुरहानपुर जिले में राशन दुकाने जिसे आवंटित है उनके व्दारा उसका संचालन नहीं किया जा रहा है कई दुकाने कुछ लोगो ने किराए से ले ली है जिसे वह सेवाभाव की बजाए व्यापार की दृष्टिकोण से संचालित की जा रही है

क्या कहते है जानकार

खाद्य विभाग के जानकारों के अऩुसार राशन दुकानो का 26 बिंदूओ पर निरक्षण करने की ड्यूटी खाद् निरीक्षकों की है लेकिन निरीक्षक निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करते है अगर खाद्य निरीक्षक अपनी ड्यूटी कढाई से करें तो राशन दुकानों पर राशन लेने के लिए जाने वाले गरीब लोगो की तमाम शिकायतों का निराकरण हो जाए और गरीब को सही समय सही मात्रा में अनाज मिल सकेगा
उन्होने कलेक्टर भव्या मित्तल से मांग की है कि खाद्य निरीक्षकों को राशन दुकानों का नियमित बिंदूवार सख्ती से निरीक्षण करने के निर्देश देना चाहिए ताकि तथाकथित राशन दुकान संचालकों की मनमानी खत्म हो और केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार की गरीबों को अऩाज पहुंचाने की मंशा पूरी हो सके

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बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) केंद्र की मोदी सरकार गरीब कल्याण योजना संचालित कर रही है जिससे कोरोना काल से लेकर अबतक गरीब जनता को राशन दुकानों से सस्ता अनाज दिए जाने की योजना है मप्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी अफसरो से की अपनी पहली वीडियो कान्फ्रेंस में साफ कर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ समाज की अंतिम कडी यानी गरीब जनता को मिलना चाहिए शिकायत नहीं आना चाहिए साथ ही जो पात्र है लेकिन योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है उन्हें भी योजनाओं से जोडना चाहिए लेकिन बुरहानपुर में खाद् एवं आपूर्ति विभाग की अनदेखी या यह कहे मेहरबानी के चलते जिले में संचालित तथाकथित राशन दुकान संचालक सरकार की इस मंशा को पलिता लगा रहे है राशन दुकान संचालक उनकी दुकानों पर अनाज के लिए पहुंचने वाले गरीब हितग्राहियों को अलग अलग तरह से परेशान कर उनके हक का अनाज कालाबाजारी कर चांदी काट रहे है जब हमने जिलेभर की चुनिंदा राशन दुकानों का मुआयना किया और हितग्राहियों की तकलीफ जानी तो हैरान करने वाली शिकायते सामने आई

केवायसी के नाम पर गडबड झाला

यह भी पढे बुरहानपुर में पहली बार होगा पत्रकारों का महाकुुंभ

कुछ हितग्राहियों ने बताया परिवार में सदस्य संख्या से कम संख्या के मान से अनाज मिलता है शिकायत करने पर केवायसी कराने का बहाना बनाते है राशन कार्ड में नया नाम जुडवाने के बाद महीनो उसे हिस्से का राशन नहीं देते है पूछने पर कहते है आवंटन नहीं मिला है जो परिवार अपने राशन कार्ड का केवायसी करा लेता है तो उसे 2 से 3 महीने तक अनाज का वितरण नहीं किया जाता है यदि कोई हितग्राही परिवार किसी महीने का अनाज नहीं ले पाता तो उसे 3 महीने तक उस महीने का अनाज लेने का नियम है लेकिन दुकान संचालक अगले महीने पहुंचने पर हितग्राही व्दारा पिछले महीने का भी अऩाज मांग पर दुकान संचालक यह कहकर अऩाज दबा लेते है कि आपके हिस्से का अनाज लैप्स हो गया है

दुकान का पता व संचालन का ठिकाना अलग अलग

अगर आप पेटीएम उपयोग करते है तो यह जरूर पढे

जिले की कई दुकाने ऐसी है जिनका खाद्य विभाग में संचालित करने का पता जहां दर्शाया गया है वह दुकान दूसरे स्थान पर संचालित हो रही है शासन ने दुकान की आसानी से पहचान के लिए पीले रंग का साईन बोर्ड लगाने का नियम बनाया है लेकिन दुकान संचालको ने अपनी मनमानी से दुकान की पहचान छुपा दी है

निगरानी समिति महज रस्म अदायगी

राशन दुकान से रहवासी राशन कार्डधारियों व हितग्राहियों को निर्धारित समय व मात्रा में अनाज का वितरण सुनिश्चित हो इसके लिए प्रत्येक राशन दुकान पर निगरानी समितियों के गठन का प्रावधान और निगरानी समिति के सदस्यों के नाम प्रदर्शित करने का नियम है लेकिन तथाकथित राशन दुकान संचालक इस नियम का भी पालन नहीं कर रहे है

गरीबों का अनाज सुरक्षित रखने का अभाव

राशन दुकान पर गरीब हितग्राहियों को बांटा जाने वाले अनाज को भी राशन दुकान संचालक सुरक्षित नहीं रख रहे है अनाज में गंदगी चुहे मौज मस्ती कर रहे है जिससे इस अनाज का सेवन करने से लोगो के स्वास्थ्य पर खराब असर पडने का अंदेशा बना रहता है कई दुकान संचालकों को लेकर हितग्राहियों ने बताया अनाज वितरण में भाईभतीजावाद करते है अधिकतर दुकान संचालको का हितग्राहियों से व्यवहार काफी खराब होने की शिकायते भी मिली दुकानों के समय पर नहीं खुलने की शिकायते तो काफी आम है जानकारों के अनुसार यह सब कवायद तथाकथित दुकान संचालक गरीब के हक के अनाज को कालाबाजार में बेचकर चांदी काटने के लिए करते है

बुजुर्गो व दिव्यांगों को लेकर आदेश का पालन नहीं

बुजुर्ग दिव्यांग हितग्राहियों के घर पर जाकर केवायसी करने व अनाज पहुंचाने के आदेश है लेकिन अधिकतकर दुकान संचालक इस आदेश का पालन नहीं करते है

किराए से चल रही राशन दुकानें

कई दुकानों के किराए से संचालित होने की शिकायत है जो गहन जांच का विषय है
बुरहानपुर जिले में राशन दुकाने जिसे आवंटित है उनके व्दारा उसका संचालन नहीं किया जा रहा है कई दुकाने कुछ लोगो ने किराए से ले ली है जिसे वह सेवाभाव की बजाए व्यापार की दृष्टिकोण से संचालित की जा रही है

क्या कहते है जानकार

खाद्य विभाग के जानकारों के अऩुसार राशन दुकानो का 26 बिंदूओ पर निरक्षण करने की ड्यूटी खाद् निरीक्षकों की है लेकिन निरीक्षक निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करते है अगर खाद्य निरीक्षक अपनी ड्यूटी कढाई से करें तो राशन दुकानों पर राशन लेने के लिए जाने वाले गरीब लोगो की तमाम शिकायतों का निराकरण हो जाए और गरीब को सही समय सही मात्रा में अनाज मिल सकेगा
उन्होने कलेक्टर भव्या मित्तल से मांग की है कि खाद्य निरीक्षकों को राशन दुकानों का नियमित बिंदूवार सख्ती से निरीक्षण करने के निर्देश देना चाहिए ताकि तथाकथित राशन दुकान संचालकों की मनमानी खत्म हो और केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार की गरीबों को अऩाज पहुंचाने की मंशा पूरी हो सके

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बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) केंद्र की मोदी सरकार गरीब कल्याण योजना संचालित कर रही है जिससे कोरोना काल से लेकर अबतक गरीब जनता को राशन दुकानों से सस्ता अनाज दिए जाने की योजना है मप्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी अफसरो से की अपनी पहली वीडियो कान्फ्रेंस में साफ कर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ समाज की अंतिम कडी यानी गरीब जनता को मिलना चाहिए शिकायत नहीं आना चाहिए साथ ही जो पात्र है लेकिन योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है उन्हें भी योजनाओं से जोडना चाहिए लेकिन बुरहानपुर में खाद् एवं आपूर्ति विभाग की अनदेखी या यह कहे मेहरबानी के चलते जिले में संचालित तथाकथित राशन दुकान संचालक सरकार की इस मंशा को पलिता लगा रहे है राशन दुकान संचालक उनकी दुकानों पर अनाज के लिए पहुंचने वाले गरीब हितग्राहियों को अलग अलग तरह से परेशान कर उनके हक का अनाज कालाबाजारी कर चांदी काट रहे है जब हमने जिलेभर की चुनिंदा राशन दुकानों का मुआयना किया और हितग्राहियों की तकलीफ जानी तो हैरान करने वाली शिकायते सामने आई

केवायसी के नाम पर गडबड झाला

यह भी पढे बुरहानपुर में पहली बार होगा पत्रकारों का महाकुुंभ

कुछ हितग्राहियों ने बताया परिवार में सदस्य संख्या से कम संख्या के मान से अनाज मिलता है शिकायत करने पर केवायसी कराने का बहाना बनाते है राशन कार्ड में नया नाम जुडवाने के बाद महीनो उसे हिस्से का राशन नहीं देते है पूछने पर कहते है आवंटन नहीं मिला है जो परिवार अपने राशन कार्ड का केवायसी करा लेता है तो उसे 2 से 3 महीने तक अनाज का वितरण नहीं किया जाता है यदि कोई हितग्राही परिवार किसी महीने का अनाज नहीं ले पाता तो उसे 3 महीने तक उस महीने का अनाज लेने का नियम है लेकिन दुकान संचालक अगले महीने पहुंचने पर हितग्राही व्दारा पिछले महीने का भी अऩाज मांग पर दुकान संचालक यह कहकर अऩाज दबा लेते है कि आपके हिस्से का अनाज लैप्स हो गया है

दुकान का पता व संचालन का ठिकाना अलग अलग

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जिले की कई दुकाने ऐसी है जिनका खाद्य विभाग में संचालित करने का पता जहां दर्शाया गया है वह दुकान दूसरे स्थान पर संचालित हो रही है शासन ने दुकान की आसानी से पहचान के लिए पीले रंग का साईन बोर्ड लगाने का नियम बनाया है लेकिन दुकान संचालको ने अपनी मनमानी से दुकान की पहचान छुपा दी है

निगरानी समिति महज रस्म अदायगी

राशन दुकान से रहवासी राशन कार्डधारियों व हितग्राहियों को निर्धारित समय व मात्रा में अनाज का वितरण सुनिश्चित हो इसके लिए प्रत्येक राशन दुकान पर निगरानी समितियों के गठन का प्रावधान और निगरानी समिति के सदस्यों के नाम प्रदर्शित करने का नियम है लेकिन तथाकथित राशन दुकान संचालक इस नियम का भी पालन नहीं कर रहे है

गरीबों का अनाज सुरक्षित रखने का अभाव

राशन दुकान पर गरीब हितग्राहियों को बांटा जाने वाले अनाज को भी राशन दुकान संचालक सुरक्षित नहीं रख रहे है अनाज में गंदगी चुहे मौज मस्ती कर रहे है जिससे इस अनाज का सेवन करने से लोगो के स्वास्थ्य पर खराब असर पडने का अंदेशा बना रहता है कई दुकान संचालकों को लेकर हितग्राहियों ने बताया अनाज वितरण में भाईभतीजावाद करते है अधिकतर दुकान संचालको का हितग्राहियों से व्यवहार काफी खराब होने की शिकायते भी मिली दुकानों के समय पर नहीं खुलने की शिकायते तो काफी आम है जानकारों के अनुसार यह सब कवायद तथाकथित दुकान संचालक गरीब के हक के अनाज को कालाबाजार में बेचकर चांदी काटने के लिए करते है

बुजुर्गो व दिव्यांगों को लेकर आदेश का पालन नहीं

बुजुर्ग दिव्यांग हितग्राहियों के घर पर जाकर केवायसी करने व अनाज पहुंचाने के आदेश है लेकिन अधिकतकर दुकान संचालक इस आदेश का पालन नहीं करते है

किराए से चल रही राशन दुकानें

कई दुकानों के किराए से संचालित होने की शिकायत है जो गहन जांच का विषय है
बुरहानपुर जिले में राशन दुकाने जिसे आवंटित है उनके व्दारा उसका संचालन नहीं किया जा रहा है कई दुकाने कुछ लोगो ने किराए से ले ली है जिसे वह सेवाभाव की बजाए व्यापार की दृष्टिकोण से संचालित की जा रही है

क्या कहते है जानकार

खाद्य विभाग के जानकारों के अऩुसार राशन दुकानो का 26 बिंदूओ पर निरक्षण करने की ड्यूटी खाद् निरीक्षकों की है लेकिन निरीक्षक निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करते है अगर खाद्य निरीक्षक अपनी ड्यूटी कढाई से करें तो राशन दुकानों पर राशन लेने के लिए जाने वाले गरीब लोगो की तमाम शिकायतों का निराकरण हो जाए और गरीब को सही समय सही मात्रा में अनाज मिल सकेगा
उन्होने कलेक्टर भव्या मित्तल से मांग की है कि खाद्य निरीक्षकों को राशन दुकानों का नियमित बिंदूवार सख्ती से निरीक्षण करने के निर्देश देना चाहिए ताकि तथाकथित राशन दुकान संचालकों की मनमानी खत्म हो और केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार की गरीबों को अऩाज पहुंचाने की मंशा पूरी हो सके

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बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) केंद्र की मोदी सरकार गरीब कल्याण योजना संचालित कर रही है जिससे कोरोना काल से लेकर अबतक गरीब जनता को राशन दुकानों से सस्ता अनाज दिए जाने की योजना है मप्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी अफसरो से की अपनी पहली वीडियो कान्फ्रेंस में साफ कर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओ का लाभ समाज की अंतिम कडी यानी गरीब जनता को मिलना चाहिए शिकायत नहीं आना चाहिए साथ ही जो पात्र है लेकिन योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है उन्हें भी योजनाओं से जोडना चाहिए लेकिन बुरहानपुर में खाद् एवं आपूर्ति विभाग की अनदेखी या यह कहे मेहरबानी के चलते जिले में संचालित तथाकथित राशन दुकान संचालक सरकार की इस मंशा को पलिता लगा रहे है राशन दुकान संचालक उनकी दुकानों पर अनाज के लिए पहुंचने वाले गरीब हितग्राहियों को अलग अलग तरह से परेशान कर उनके हक का अनाज कालाबाजारी कर चांदी काट रहे है जब हमने जिलेभर की चुनिंदा राशन दुकानों का मुआयना किया और हितग्राहियों की तकलीफ जानी तो हैरान करने वाली शिकायते सामने आई

केवायसी के नाम पर गडबड झाला

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कुछ हितग्राहियों ने बताया परिवार में सदस्य संख्या से कम संख्या के मान से अनाज मिलता है शिकायत करने पर केवायसी कराने का बहाना बनाते है राशन कार्ड में नया नाम जुडवाने के बाद महीनो उसे हिस्से का राशन नहीं देते है पूछने पर कहते है आवंटन नहीं मिला है जो परिवार अपने राशन कार्ड का केवायसी करा लेता है तो उसे 2 से 3 महीने तक अनाज का वितरण नहीं किया जाता है यदि कोई हितग्राही परिवार किसी महीने का अनाज नहीं ले पाता तो उसे 3 महीने तक उस महीने का अनाज लेने का नियम है लेकिन दुकान संचालक अगले महीने पहुंचने पर हितग्राही व्दारा पिछले महीने का भी अऩाज मांग पर दुकान संचालक यह कहकर अऩाज दबा लेते है कि आपके हिस्से का अनाज लैप्स हो गया है

दुकान का पता व संचालन का ठिकाना अलग अलग

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जिले की कई दुकाने ऐसी है जिनका खाद्य विभाग में संचालित करने का पता जहां दर्शाया गया है वह दुकान दूसरे स्थान पर संचालित हो रही है शासन ने दुकान की आसानी से पहचान के लिए पीले रंग का साईन बोर्ड लगाने का नियम बनाया है लेकिन दुकान संचालको ने अपनी मनमानी से दुकान की पहचान छुपा दी है

निगरानी समिति महज रस्म अदायगी

राशन दुकान से रहवासी राशन कार्डधारियों व हितग्राहियों को निर्धारित समय व मात्रा में अनाज का वितरण सुनिश्चित हो इसके लिए प्रत्येक राशन दुकान पर निगरानी समितियों के गठन का प्रावधान और निगरानी समिति के सदस्यों के नाम प्रदर्शित करने का नियम है लेकिन तथाकथित राशन दुकान संचालक इस नियम का भी पालन नहीं कर रहे है

गरीबों का अनाज सुरक्षित रखने का अभाव

राशन दुकान पर गरीब हितग्राहियों को बांटा जाने वाले अनाज को भी राशन दुकान संचालक सुरक्षित नहीं रख रहे है अनाज में गंदगी चुहे मौज मस्ती कर रहे है जिससे इस अनाज का सेवन करने से लोगो के स्वास्थ्य पर खराब असर पडने का अंदेशा बना रहता है कई दुकान संचालकों को लेकर हितग्राहियों ने बताया अनाज वितरण में भाईभतीजावाद करते है अधिकतर दुकान संचालको का हितग्राहियों से व्यवहार काफी खराब होने की शिकायते भी मिली दुकानों के समय पर नहीं खुलने की शिकायते तो काफी आम है जानकारों के अनुसार यह सब कवायद तथाकथित दुकान संचालक गरीब के हक के अनाज को कालाबाजार में बेचकर चांदी काटने के लिए करते है

बुजुर्गो व दिव्यांगों को लेकर आदेश का पालन नहीं

बुजुर्ग दिव्यांग हितग्राहियों के घर पर जाकर केवायसी करने व अनाज पहुंचाने के आदेश है लेकिन अधिकतकर दुकान संचालक इस आदेश का पालन नहीं करते है

किराए से चल रही राशन दुकानें

कई दुकानों के किराए से संचालित होने की शिकायत है जो गहन जांच का विषय है
बुरहानपुर जिले में राशन दुकाने जिसे आवंटित है उनके व्दारा उसका संचालन नहीं किया जा रहा है कई दुकाने कुछ लोगो ने किराए से ले ली है जिसे वह सेवाभाव की बजाए व्यापार की दृष्टिकोण से संचालित की जा रही है

क्या कहते है जानकार

खाद्य विभाग के जानकारों के अऩुसार राशन दुकानो का 26 बिंदूओ पर निरक्षण करने की ड्यूटी खाद् निरीक्षकों की है लेकिन निरीक्षक निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करते है अगर खाद्य निरीक्षक अपनी ड्यूटी कढाई से करें तो राशन दुकानों पर राशन लेने के लिए जाने वाले गरीब लोगो की तमाम शिकायतों का निराकरण हो जाए और गरीब को सही समय सही मात्रा में अनाज मिल सकेगा
उन्होने कलेक्टर भव्या मित्तल से मांग की है कि खाद्य निरीक्षकों को राशन दुकानों का नियमित बिंदूवार सख्ती से निरीक्षण करने के निर्देश देना चाहिए ताकि तथाकथित राशन दुकान संचालकों की मनमानी खत्म हो और केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार की गरीबों को अऩाज पहुंचाने की मंशा पूरी हो सके

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