spot_imgspot_imgspot_img
Saturday, April 26, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Burhānpur
broken clouds
39 ° C
39 °
39 °
15 %
5.6kmh
67 %
Sat
39 °
Sun
42 °
Mon
43 °
Tue
44 °
Wed
44 °

international Book of Records : जीती रहो, जीतती रहो बुरहानपुर की बेटी

international Book of Recordsबुरहानपुर – इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर (फिमेल) केटेगरी में बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज कराकर नया रिकार्ड बनाया है । सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है, जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है ।

शहर में बच्चों के रेडीमेड गारमेंट्स के लिए खुला नया शुरू यहां क्लिक करें

विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंटर गार्टन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि की स्कूली शिक्षा मेक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर से हुई तथा बाद में सिद्धि ने बीबीए इंदौर से तथा एमबीए नरसी मुंजी कॉलेज मुंबई से किया है । सिद्धि ने बताया कि अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12 के बाद से ही होने लगा था तथा उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर , क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर एवं वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली इत्यादि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की । सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर एवं लाईफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है तथा ऑनलाईन एवं व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पूणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ-साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनायी है ।

विस्तार से पढिए यहां क्लिक कर सिध्दि बरोले कौन कौन सी विधा की है जानकार

सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर एवं प्रामाणिक है । इस विधा में भूत , वर्तमान एवं भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है । यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है , जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है । पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था, जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है । सिद्धि की इस उपलब्धि पर माता-पिता एवं परिवारजन एवं स्नहीजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । दिसम्बर 23 के अंतिम सप्ताह में अमृतसर में विभिन्न रिकार्ड होल्डर का सम्मान समारोह होगा , जिसमें सिद्धि भी अपना सम्मान प्राप्त करेगी ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

international Book of Records : जीती रहो, जीतती रहो बुरहानपुर की बेटी

international Book of Recordsबुरहानपुर – इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर (फिमेल) केटेगरी में बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज कराकर नया रिकार्ड बनाया है । सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है, जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है ।

शहर में बच्चों के रेडीमेड गारमेंट्स के लिए खुला नया शुरू यहां क्लिक करें

विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंटर गार्टन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि की स्कूली शिक्षा मेक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर से हुई तथा बाद में सिद्धि ने बीबीए इंदौर से तथा एमबीए नरसी मुंजी कॉलेज मुंबई से किया है । सिद्धि ने बताया कि अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12 के बाद से ही होने लगा था तथा उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर , क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर एवं वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली इत्यादि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की । सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर एवं लाईफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है तथा ऑनलाईन एवं व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पूणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ-साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनायी है ।

विस्तार से पढिए यहां क्लिक कर सिध्दि बरोले कौन कौन सी विधा की है जानकार

सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर एवं प्रामाणिक है । इस विधा में भूत , वर्तमान एवं भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है । यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है , जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है । पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था, जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है । सिद्धि की इस उपलब्धि पर माता-पिता एवं परिवारजन एवं स्नहीजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । दिसम्बर 23 के अंतिम सप्ताह में अमृतसर में विभिन्न रिकार्ड होल्डर का सम्मान समारोह होगा , जिसमें सिद्धि भी अपना सम्मान प्राप्त करेगी ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -
- Advertisement -

Latest Articles

international Book of Records : जीती रहो, जीतती रहो बुरहानपुर की बेटी

international Book of Recordsबुरहानपुर – इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर (फिमेल) केटेगरी में बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज कराकर नया रिकार्ड बनाया है । सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है, जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है ।

शहर में बच्चों के रेडीमेड गारमेंट्स के लिए खुला नया शुरू यहां क्लिक करें

विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंटर गार्टन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि की स्कूली शिक्षा मेक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर से हुई तथा बाद में सिद्धि ने बीबीए इंदौर से तथा एमबीए नरसी मुंजी कॉलेज मुंबई से किया है । सिद्धि ने बताया कि अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12 के बाद से ही होने लगा था तथा उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर , क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर एवं वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली इत्यादि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की । सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर एवं लाईफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है तथा ऑनलाईन एवं व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पूणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ-साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनायी है ।

विस्तार से पढिए यहां क्लिक कर सिध्दि बरोले कौन कौन सी विधा की है जानकार

सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर एवं प्रामाणिक है । इस विधा में भूत , वर्तमान एवं भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है । यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है , जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है । पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था, जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है । सिद्धि की इस उपलब्धि पर माता-पिता एवं परिवारजन एवं स्नहीजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । दिसम्बर 23 के अंतिम सप्ताह में अमृतसर में विभिन्न रिकार्ड होल्डर का सम्मान समारोह होगा , जिसमें सिद्धि भी अपना सम्मान प्राप्त करेगी ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

international Book of Records : जीती रहो, जीतती रहो बुरहानपुर की बेटी

international Book of Recordsबुरहानपुर – इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यंगेस्ट टेरो कॉर्ड रीडर (फिमेल) केटेगरी में बुरहानपुर की बेटी सिद्धि बरोले ने अपना नाम दर्ज कराकर नया रिकार्ड बनाया है । सिद्धि ने यह उपलब्धि 19 वर्ष 29 दिन की उम्र में हासिल की है, जो कि इंटरनेशनल रिकार्ड है ।

शहर में बच्चों के रेडीमेड गारमेंट्स के लिए खुला नया शुरू यहां क्लिक करें

विद्युत विभाग में कार्यरत सुनील बरोले एवं टोडलर्स किंटर गार्टन की प्रिसिंपल अनामिका बरोले की सुपुत्री सिद्धि की स्कूली शिक्षा मेक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर से हुई तथा बाद में सिद्धि ने बीबीए इंदौर से तथा एमबीए नरसी मुंजी कॉलेज मुंबई से किया है । सिद्धि ने बताया कि अध्यात्मिकता की ओर उसका रूझान कक्षा 12 के बाद से ही होने लगा था तथा उन्होंने अपनी शिक्षा के साथ-साथ रैकी ग्रेंड मास्टर, टेरोकार्ड रीडर , क्रिस्टल थेरेपिस्ट, लामाफेरा मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट, सेवन चक्रा हीलर एवं वास्तु कंसलटेंट जैसी विधाओं में बैंगलोर, औरंगाबाद, मुंबई, दिल्ली इत्यादि शहरों में शिक्षा ग्रहण कर विशेष योग्यता हासिल की । सिद्धि विगत तीन वर्षों से इन सब विधाओं में पारंगत होकर स्पिरीच्यूल हीलर एवं लाईफ मैनेजमेंट कोच के रूप में प्रोफेशनल तौर पर कार्य कर रही है तथा ऑनलाईन एवं व्यक्तिगत संपर्क से देश के बडे शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, पूणे, इंदौर, अहमदाबाद, औरंगाबाद इत्यादि के साथ-साथ विदेशों में ऑनलाईन टेरोरीडिंग एवं कंसलटेंटी से अपनी अलग पहचान बनायी है ।

विस्तार से पढिए यहां क्लिक कर सिध्दि बरोले कौन कौन सी विधा की है जानकार

सिद्धि ने टेरोकार्ड के इतिहास के बारे में बताया कि इस विधा की शुरूआत लगभग 2000 वर्ष पूर्व सेल्टिक नामक देश में हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह विधा पूरे विश्व में काफी मशहुर एवं प्रामाणिक है । इस विधा में भूत , वर्तमान एवं भविष्य के बारे में प्रामाणिक तौर पर आपकी स्थिति के बारे में बताया जाता है तथा भविष्य के लिये सही और सटीक मार्गदर्शन मिलता है । यह ज्योतिष विद्या का ही एक रूप है , जिससे व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिलता है । पूर्व में यह रिकार्ड दिल्ली की एक 21 वर्षीय महिला के नाम पर था, जिसे बुरहानपुर की सिद्धि ने तोडकर अपने नाम कर लिया है । सिद्धि ने यह भी बताया कि इसके बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में भी अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है । सिद्धि की इस उपलब्धि पर माता-पिता एवं परिवारजन एवं स्नहीजन अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । दिसम्बर 23 के अंतिम सप्ताह में अमृतसर में विभिन्न रिकार्ड होल्डर का सम्मान समारोह होगा , जिसमें सिद्धि भी अपना सम्मान प्राप्त करेगी ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles