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Friday, April 25, 2025
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Parliament News : लोकसभा में पेश हुआ ‘नारी शक्ति वंदन बिल’, जानें बिल में क्या है खास

Parliament  News नए संसद भवन के पहले ही दिन ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करने वाला बिल पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में इस बिल को पेश किया और ऐतिहासिक बताया। वर्तमान में लोकसभा में 543 सीट हैं, जिसमें 82 सीट पर महिलाएं है। इस कानून के पास होने के बाद 181 महिलाओं की संख्या हो जाएगी।

15 साल तक लागू रहेगा बिल

बिल के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बिल कानून बनने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा। उसके बाद आरक्षण की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। बिल में यह भी बताया गया है कि जहां महिला आरक्षण बिल पहले पास होगा, वहीं उसके बाद परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण होगा। इसके बाद ही 33 फीसदी आरक्षण लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं में लागू होगा।

 लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा आरक्षण

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल के बारे में बताते हुए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जो सीधे चुनाव से भरी जाएंगी। वहीं जो कोटा के भीतर एक तिहाई सीटें होंगी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए होंगी। हालांकि यह 33 फीसदी आरक्षण राज्यसभा या राज्य के विधान परिषदों में लागू नहीं होगा।

बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन बिल’

बता दें कि इस महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है। संविधान का ये 128वां संशोधन विधेयक है। इस बिल पर आखिरी महत्वपूर्ण घटनाक्रम 2010 में हुआ, जब कुछ सांसदों के विरोध के बावजूद राज्यसभा (संसद का ऊपरी सदन) ने विधेयक पारित कर दिया। लेकिन यह विधेयक उस समय लोकसभा में पारित नहीं हो सका और निरस्त हो गया। वर्तमान में, लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 543 सदस्यों की कुल संख्या का 15% से भी कम है। इसी तरह दिसंबर 2022 में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14% है।

राज्यों में महिला प्रतिनिधियों की स्थिति

भारत में कई राज्य विधानसभाएं भी राजनीति में लैंगिक विविधता की कमी से पीड़ित हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी जैसे राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% से कम है। कुछ राज्यों, जैसे बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रतिनिधित्व थोड़ा अधिक है, जो 10% से 12% तक है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड क्रमशः 14.44%, 13.7% और 12.35% महिला विधायकों (विधानसभा सदस्यों) के साथ आगे हैं।

नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा : पीएम मोदी

संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (19 सितंबर) को कार्यवाही नए संसद भवन में हुई इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भवन बदला है और मैं चाहूंगा कि भाव भी बदलना चाहिए और भावना भी बदलनी चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि संसद राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च स्थान हैं। हमारा व्यवहार तय करेगा कि हम कहा बैठेंगे । नए संकल्प के साथ नई संसद में आएं और नए भारत की नींव रखें। उन्होंने कहा कि अतीत की कढ़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। नई संसद के निर्माण के लिए श्रमिकों को याद करते पीएम मोदी ने 30 हज़ार श्रमिकों को नमन किया और कहा कि संसद के निर्माण में श्रमिकों का पसीना लगा है। पीएम मोदी ने नई संसद में कहा कि महिला नेतृत्व वाले विकास पर जोर दें ।

पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना में महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाये हैं । आर्थिक समावेश को ध्यान में रखते हुए जनधन योजना शुरू की। 50 करोड़ लाभार्थियों में से अधिकतम महिला बैंक अकाउंट धारक बनी हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ा परिवर्तन हैं। मुद्रा योजना में भी बिना बैंक गारंटी के 10 लाख रुपए के लोन देने कि इस योजना का लाभ पुरे देश में सबसे ज्यादा महिलाओं ने उठाया। महिला इंटरप्रेन्योर का एक पूरा वातावरण देश में नजर आया। पीएम आवास योजना, पक्के घर और घरों की ज़्यादातर रजिस्ट्री महिलाओ के नाम हुई, यह महिलाओं का मालिकाना हक बना।

महिला आरक्षण पर अपनी बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने उन्हें कई पवित्र कामों के लिए चुना हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज 19 सितंबर की यह तारीख इतिहास बदलने जा रही हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं। ये बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण, नीति निर्माण में नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें, योगदान ही नहीं वह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें । महिलाओं के लिए इतिहास बदलने का वक्त है । संसद में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश हुआ। कैबिनेट ने कल ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी है। नई संसद में लोकसभा की कार्यवाही में आज हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इस विधेयक से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार होगा। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा । इसके लिए मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को इस बिल की बधाई देता हूं। हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं इस सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हू कि सर्वसम्मति से पारित करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। “

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Parliament  News नए संसद भवन के पहले ही दिन ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करने वाला बिल पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में इस बिल को पेश किया और ऐतिहासिक बताया। वर्तमान में लोकसभा में 543 सीट हैं, जिसमें 82 सीट पर महिलाएं है। इस कानून के पास होने के बाद 181 महिलाओं की संख्या हो जाएगी।

15 साल तक लागू रहेगा बिल

बिल के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बिल कानून बनने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा। उसके बाद आरक्षण की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। बिल में यह भी बताया गया है कि जहां महिला आरक्षण बिल पहले पास होगा, वहीं उसके बाद परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण होगा। इसके बाद ही 33 फीसदी आरक्षण लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं में लागू होगा।

 लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा आरक्षण

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल के बारे में बताते हुए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जो सीधे चुनाव से भरी जाएंगी। वहीं जो कोटा के भीतर एक तिहाई सीटें होंगी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए होंगी। हालांकि यह 33 फीसदी आरक्षण राज्यसभा या राज्य के विधान परिषदों में लागू नहीं होगा।

बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन बिल’

बता दें कि इस महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है। संविधान का ये 128वां संशोधन विधेयक है। इस बिल पर आखिरी महत्वपूर्ण घटनाक्रम 2010 में हुआ, जब कुछ सांसदों के विरोध के बावजूद राज्यसभा (संसद का ऊपरी सदन) ने विधेयक पारित कर दिया। लेकिन यह विधेयक उस समय लोकसभा में पारित नहीं हो सका और निरस्त हो गया। वर्तमान में, लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 543 सदस्यों की कुल संख्या का 15% से भी कम है। इसी तरह दिसंबर 2022 में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14% है।

राज्यों में महिला प्रतिनिधियों की स्थिति

भारत में कई राज्य विधानसभाएं भी राजनीति में लैंगिक विविधता की कमी से पीड़ित हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी जैसे राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% से कम है। कुछ राज्यों, जैसे बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रतिनिधित्व थोड़ा अधिक है, जो 10% से 12% तक है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड क्रमशः 14.44%, 13.7% और 12.35% महिला विधायकों (विधानसभा सदस्यों) के साथ आगे हैं।

नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा : पीएम मोदी

संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (19 सितंबर) को कार्यवाही नए संसद भवन में हुई इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भवन बदला है और मैं चाहूंगा कि भाव भी बदलना चाहिए और भावना भी बदलनी चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि संसद राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च स्थान हैं। हमारा व्यवहार तय करेगा कि हम कहा बैठेंगे । नए संकल्प के साथ नई संसद में आएं और नए भारत की नींव रखें। उन्होंने कहा कि अतीत की कढ़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। नई संसद के निर्माण के लिए श्रमिकों को याद करते पीएम मोदी ने 30 हज़ार श्रमिकों को नमन किया और कहा कि संसद के निर्माण में श्रमिकों का पसीना लगा है। पीएम मोदी ने नई संसद में कहा कि महिला नेतृत्व वाले विकास पर जोर दें ।

पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना में महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाये हैं । आर्थिक समावेश को ध्यान में रखते हुए जनधन योजना शुरू की। 50 करोड़ लाभार्थियों में से अधिकतम महिला बैंक अकाउंट धारक बनी हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ा परिवर्तन हैं। मुद्रा योजना में भी बिना बैंक गारंटी के 10 लाख रुपए के लोन देने कि इस योजना का लाभ पुरे देश में सबसे ज्यादा महिलाओं ने उठाया। महिला इंटरप्रेन्योर का एक पूरा वातावरण देश में नजर आया। पीएम आवास योजना, पक्के घर और घरों की ज़्यादातर रजिस्ट्री महिलाओ के नाम हुई, यह महिलाओं का मालिकाना हक बना।

महिला आरक्षण पर अपनी बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने उन्हें कई पवित्र कामों के लिए चुना हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज 19 सितंबर की यह तारीख इतिहास बदलने जा रही हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं। ये बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण, नीति निर्माण में नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें, योगदान ही नहीं वह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें । महिलाओं के लिए इतिहास बदलने का वक्त है । संसद में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश हुआ। कैबिनेट ने कल ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी है। नई संसद में लोकसभा की कार्यवाही में आज हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इस विधेयक से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार होगा। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा । इसके लिए मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को इस बिल की बधाई देता हूं। हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं इस सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हू कि सर्वसम्मति से पारित करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। “

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15 साल तक लागू रहेगा बिल

बिल के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बिल कानून बनने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा। उसके बाद आरक्षण की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। बिल में यह भी बताया गया है कि जहां महिला आरक्षण बिल पहले पास होगा, वहीं उसके बाद परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण होगा। इसके बाद ही 33 फीसदी आरक्षण लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं में लागू होगा।

 लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा आरक्षण

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल के बारे में बताते हुए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जो सीधे चुनाव से भरी जाएंगी। वहीं जो कोटा के भीतर एक तिहाई सीटें होंगी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए होंगी। हालांकि यह 33 फीसदी आरक्षण राज्यसभा या राज्य के विधान परिषदों में लागू नहीं होगा।

बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन बिल’

बता दें कि इस महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है। संविधान का ये 128वां संशोधन विधेयक है। इस बिल पर आखिरी महत्वपूर्ण घटनाक्रम 2010 में हुआ, जब कुछ सांसदों के विरोध के बावजूद राज्यसभा (संसद का ऊपरी सदन) ने विधेयक पारित कर दिया। लेकिन यह विधेयक उस समय लोकसभा में पारित नहीं हो सका और निरस्त हो गया। वर्तमान में, लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 543 सदस्यों की कुल संख्या का 15% से भी कम है। इसी तरह दिसंबर 2022 में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14% है।

राज्यों में महिला प्रतिनिधियों की स्थिति

भारत में कई राज्य विधानसभाएं भी राजनीति में लैंगिक विविधता की कमी से पीड़ित हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी जैसे राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% से कम है। कुछ राज्यों, जैसे बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रतिनिधित्व थोड़ा अधिक है, जो 10% से 12% तक है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड क्रमशः 14.44%, 13.7% और 12.35% महिला विधायकों (विधानसभा सदस्यों) के साथ आगे हैं।

नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा : पीएम मोदी

संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (19 सितंबर) को कार्यवाही नए संसद भवन में हुई इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भवन बदला है और मैं चाहूंगा कि भाव भी बदलना चाहिए और भावना भी बदलनी चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि संसद राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च स्थान हैं। हमारा व्यवहार तय करेगा कि हम कहा बैठेंगे । नए संकल्प के साथ नई संसद में आएं और नए भारत की नींव रखें। उन्होंने कहा कि अतीत की कढ़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। नई संसद के निर्माण के लिए श्रमिकों को याद करते पीएम मोदी ने 30 हज़ार श्रमिकों को नमन किया और कहा कि संसद के निर्माण में श्रमिकों का पसीना लगा है। पीएम मोदी ने नई संसद में कहा कि महिला नेतृत्व वाले विकास पर जोर दें ।

पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना में महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाये हैं । आर्थिक समावेश को ध्यान में रखते हुए जनधन योजना शुरू की। 50 करोड़ लाभार्थियों में से अधिकतम महिला बैंक अकाउंट धारक बनी हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ा परिवर्तन हैं। मुद्रा योजना में भी बिना बैंक गारंटी के 10 लाख रुपए के लोन देने कि इस योजना का लाभ पुरे देश में सबसे ज्यादा महिलाओं ने उठाया। महिला इंटरप्रेन्योर का एक पूरा वातावरण देश में नजर आया। पीएम आवास योजना, पक्के घर और घरों की ज़्यादातर रजिस्ट्री महिलाओ के नाम हुई, यह महिलाओं का मालिकाना हक बना।

महिला आरक्षण पर अपनी बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने उन्हें कई पवित्र कामों के लिए चुना हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज 19 सितंबर की यह तारीख इतिहास बदलने जा रही हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं। ये बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण, नीति निर्माण में नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें, योगदान ही नहीं वह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें । महिलाओं के लिए इतिहास बदलने का वक्त है । संसद में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश हुआ। कैबिनेट ने कल ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी है। नई संसद में लोकसभा की कार्यवाही में आज हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इस विधेयक से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार होगा। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा । इसके लिए मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को इस बिल की बधाई देता हूं। हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं इस सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हू कि सर्वसम्मति से पारित करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। “

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15 साल तक लागू रहेगा बिल

बिल के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बिल कानून बनने के बाद 15 साल तक लागू रहेगा। उसके बाद आरक्षण की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। बिल में यह भी बताया गया है कि जहां महिला आरक्षण बिल पहले पास होगा, वहीं उसके बाद परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण होगा। इसके बाद ही 33 फीसदी आरक्षण लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं में लागू होगा।

 लोकसभा और विधानसभाओं में लागू होगा आरक्षण

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल के बारे में बताते हुए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, जो सीधे चुनाव से भरी जाएंगी। वहीं जो कोटा के भीतर एक तिहाई सीटें होंगी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति महिलाओं के लिए होंगी। हालांकि यह 33 फीसदी आरक्षण राज्यसभा या राज्य के विधान परिषदों में लागू नहीं होगा।

बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन बिल’

बता दें कि इस महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया गया है। संविधान का ये 128वां संशोधन विधेयक है। इस बिल पर आखिरी महत्वपूर्ण घटनाक्रम 2010 में हुआ, जब कुछ सांसदों के विरोध के बावजूद राज्यसभा (संसद का ऊपरी सदन) ने विधेयक पारित कर दिया। लेकिन यह विधेयक उस समय लोकसभा में पारित नहीं हो सका और निरस्त हो गया। वर्तमान में, लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 543 सदस्यों की कुल संख्या का 15% से भी कम है। इसी तरह दिसंबर 2022 में सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14% है।

राज्यों में महिला प्रतिनिधियों की स्थिति

भारत में कई राज्य विधानसभाएं भी राजनीति में लैंगिक विविधता की कमी से पीड़ित हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी जैसे राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% से कम है। कुछ राज्यों, जैसे बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रतिनिधित्व थोड़ा अधिक है, जो 10% से 12% तक है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड क्रमशः 14.44%, 13.7% और 12.35% महिला विधायकों (विधानसभा सदस्यों) के साथ आगे हैं।

नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा : पीएम मोदी

संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार (19 सितंबर) को कार्यवाही नए संसद भवन में हुई इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भवन बदला है और मैं चाहूंगा कि भाव भी बदलना चाहिए और भावना भी बदलनी चाहिए । पीएम मोदी ने कहा कि संसद राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च स्थान हैं। हमारा व्यवहार तय करेगा कि हम कहा बैठेंगे । नए संकल्प के साथ नई संसद में आएं और नए भारत की नींव रखें। उन्होंने कहा कि अतीत की कढ़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। नई संसद के निर्माण के लिए श्रमिकों को याद करते पीएम मोदी ने 30 हज़ार श्रमिकों को नमन किया और कहा कि संसद के निर्माण में श्रमिकों का पसीना लगा है। पीएम मोदी ने नई संसद में कहा कि महिला नेतृत्व वाले विकास पर जोर दें ।

पीएम मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना में महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाये हैं । आर्थिक समावेश को ध्यान में रखते हुए जनधन योजना शुरू की। 50 करोड़ लाभार्थियों में से अधिकतम महिला बैंक अकाउंट धारक बनी हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ा परिवर्तन हैं। मुद्रा योजना में भी बिना बैंक गारंटी के 10 लाख रुपए के लोन देने कि इस योजना का लाभ पुरे देश में सबसे ज्यादा महिलाओं ने उठाया। महिला इंटरप्रेन्योर का एक पूरा वातावरण देश में नजर आया। पीएम आवास योजना, पक्के घर और घरों की ज़्यादातर रजिस्ट्री महिलाओ के नाम हुई, यह महिलाओं का मालिकाना हक बना।

महिला आरक्षण पर अपनी बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने उन्हें कई पवित्र कामों के लिए चुना हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज 19 सितंबर की यह तारीख इतिहास बदलने जा रही हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं। ये बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण, नीति निर्माण में नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें, योगदान ही नहीं वह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें । महिलाओं के लिए इतिहास बदलने का वक्त है । संसद में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश हुआ। कैबिनेट ने कल ही महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी है। नई संसद में लोकसभा की कार्यवाही में आज हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इस विधेयक से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार होगा। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा । इसके लिए मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को इस बिल की बधाई देता हूं। हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं इस सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हू कि सर्वसम्मति से पारित करने के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। “

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