

MP Election 2023 : बुरहानपुर । जैसे जैसे मिशन 2023 विधानसभा चुनाव का समय पास आता जा रहा है वैसे वैसे राजनैतिक दलों की तैयारिया तेज होती जा रही है बुरहानपुर सीट से bjp और congress में प्रत्याशियों का चयन लगभग तय हो चुका है कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार निर्दलीय MLa Thakur Surendra Singh के नाम पर दिल्ली में अंतिम मोहर लग चुकी है केवल पार्टी की ओर से औपचारिक घोषणा होना शेष है इसी तरह बीजेपी के सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री Archna Chitnis के नाम पर भी जल्दी अपनी स्थिति साफ कर देगी कयास यह लगाए जा रहे है बीजेपी पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को ही अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है
कांग्रेस में Burhanpur Vidhansabha 180 सीट से चली आ रही रस्साकशी अब लगभग समाप्त हो गई है कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार दिल्ली में हुई बैठक में Pcc Chief Kamalnath ने निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा का नाम प्रस्तावित किया जिस पर काफी चर्चा होने के बाद उनके नाम पर अंतिम मोहर लग गई है अब जल्द ही पार्टी उनके नाम का ऐलान कर देगी माना जा रहा है 22 सितंबर के बाद कभी भी उनके नाम का ऐलान कर दिया जाएगा
कौन कौन थे बीजेपी से दावेदा यहां पढे
बात अगर बीजेपी की करें तो बीजेपी के सूत्रों के अनुसार बुरहानपुर सीट से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस के नाम पर पूरी तरह से सहमति बन गई है पार्टी में उनके विरोध के सवाल पर उनका कहना है बीजेपी कैडर आधारित पार्टी है टिकट के पहले इस तरह के विरोध स्वाभाविक है लेकिन जब पार्टी टिकट फायनल कर देती है तो फिर सभी कार्यकर्ता एकजुटता से पार्टी को विजय दिलाने में जुट जाते है
बुरहानपुर सीट से कांग्रेस के टिकट के दावेदारो की लिस्ट यहां पढे
विधायक शेरा भैय्या की चुनौती
निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह को अगर पार्टी अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा के सामने कांग्रेस में उनके विरोधी बडी चुनौती होगी साथ ही कही ना कही ग्राउंड में जनता के बीच शेरा भैय्या को लेकर काफी नाराजगी है खासकर अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं में इस नाराजगी को दूर करने के लिए कडी मेहनत करनी होगी इस बार कांग्रेस के पक्ष में बन रहे माहौल का ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा को लाभ मिल सकता है
अर्चना चिटनीस के सामने होगी भीतरघात की चुनौती
हाल ही में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा में हुए शक्ति प्रदर्शन के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा काफी तेज है कि सभी टिकट के दावेदार अर्चना चिटनीस के खिलाफ गोलबंद हो गए है अगर पार्टी अर्चना चिटनीस को टिकट देकर मैदान में उतारती है तो उन्हें भीतरघात की समस्या का सामना करना पडेगा अब देखना यह है कि अर्चना दीदी अपने राजनैतिक कौशल से इस भीतरघात की समस्या को दूर करने में कितनी कामयाब हो पाती है साथ ही 2018 में पराजय के बाद भी अर्चना दीदी की क्षेत्र में सक्रीयता उनके लिए इस चुनाव में काफी मददगार साबित होगी