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Friday, August 1, 2025
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MBBS स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, अब विदेश में भी कर सकेंगे प्रेक्टिस

MBBS एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय छात्रों को अब दुनिया में कहीं भी अपना करियर बनाने का अवसर मिलेगा। भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग-एनएमसी को 10 वर्षों के कार्यकाल के लिए प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन-डब्ल्यूएफएमई मान्यता दर्जा से सम्मानित किया गया है। ऐसे में अब भारत के मेडिकल स्नातक विद्यार्थी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में स्नातकोत्तर और प्रैक्टिस कर सकते हैं।

नेशनल मेडिकल कमीशन को वर्ल्ड फेडरेशन ने 10 साल की दी मान्यता

भारत के सभी मौजूदा 706 आयुर्विज्ञान कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त होंगे, जबकि आगामी दस वर्षों में स्थापित होने वाले नए आयुर्विज्ञान कॉलेज स्‍वत: डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त हो जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस पुरस्कार से भारतीय आयुर्विज्ञान स्‍कूलों और पेशेवरों के अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इससे शैक्षणिक सहयोग और इसके आदान-प्रदान में भी सुविधा मिलेगी।

आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को भी मिलेगा बढ़ावा

यह आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ चिकित्सा शिक्षकों और संस्‍थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति को प्रोत्साहन देगा। वैश्विक स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त मानकों के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए पसंदीदा देश बन सकता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के बारे में

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) भारत में आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रैक्टिस के निरीक्षण के लिए भारत का अग्रणी नियामक निकाय है। यह निकाय देशभर में गुणवत्तापूर्ण आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह भारत का प्रमुख नियामक निकाय है जो चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास का निरीक्षण करता है। स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध, एनएमसी पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करता है।

वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) के बारे में

इसी प्रकार  वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक वैश्विक संस्‍था है जिसका मुख्‍य उद्देश्‍य आयुर्विज्ञान शिक्षा में उच्च वैज्ञानिक तथा नीतिपरक मानकों को बढ़ावा देने के साथ विश्‍व भर में आयुर्विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता को बढाना है। डब्ल्यूएफएमई एक वैश्विक संगठन है जो पूरी दुनिया में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। डब्ल्यूएफएमई द्वारा प्रदान की गई मान्यता यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उसे बनाए रखते हैं।

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MBBS एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय छात्रों को अब दुनिया में कहीं भी अपना करियर बनाने का अवसर मिलेगा। भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग-एनएमसी को 10 वर्षों के कार्यकाल के लिए प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन-डब्ल्यूएफएमई मान्यता दर्जा से सम्मानित किया गया है। ऐसे में अब भारत के मेडिकल स्नातक विद्यार्थी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में स्नातकोत्तर और प्रैक्टिस कर सकते हैं।

नेशनल मेडिकल कमीशन को वर्ल्ड फेडरेशन ने 10 साल की दी मान्यता

भारत के सभी मौजूदा 706 आयुर्विज्ञान कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त होंगे, जबकि आगामी दस वर्षों में स्थापित होने वाले नए आयुर्विज्ञान कॉलेज स्‍वत: डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त हो जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस पुरस्कार से भारतीय आयुर्विज्ञान स्‍कूलों और पेशेवरों के अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इससे शैक्षणिक सहयोग और इसके आदान-प्रदान में भी सुविधा मिलेगी।

आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को भी मिलेगा बढ़ावा

यह आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ चिकित्सा शिक्षकों और संस्‍थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति को प्रोत्साहन देगा। वैश्विक स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त मानकों के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए पसंदीदा देश बन सकता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के बारे में

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) भारत में आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रैक्टिस के निरीक्षण के लिए भारत का अग्रणी नियामक निकाय है। यह निकाय देशभर में गुणवत्तापूर्ण आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह भारत का प्रमुख नियामक निकाय है जो चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास का निरीक्षण करता है। स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध, एनएमसी पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करता है।

वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) के बारे में

इसी प्रकार  वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक वैश्विक संस्‍था है जिसका मुख्‍य उद्देश्‍य आयुर्विज्ञान शिक्षा में उच्च वैज्ञानिक तथा नीतिपरक मानकों को बढ़ावा देने के साथ विश्‍व भर में आयुर्विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता को बढाना है। डब्ल्यूएफएमई एक वैश्विक संगठन है जो पूरी दुनिया में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। डब्ल्यूएफएमई द्वारा प्रदान की गई मान्यता यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उसे बनाए रखते हैं।

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MBBS एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय छात्रों को अब दुनिया में कहीं भी अपना करियर बनाने का अवसर मिलेगा। भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग-एनएमसी को 10 वर्षों के कार्यकाल के लिए प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन-डब्ल्यूएफएमई मान्यता दर्जा से सम्मानित किया गया है। ऐसे में अब भारत के मेडिकल स्नातक विद्यार्थी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में स्नातकोत्तर और प्रैक्टिस कर सकते हैं।

नेशनल मेडिकल कमीशन को वर्ल्ड फेडरेशन ने 10 साल की दी मान्यता

भारत के सभी मौजूदा 706 आयुर्विज्ञान कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त होंगे, जबकि आगामी दस वर्षों में स्थापित होने वाले नए आयुर्विज्ञान कॉलेज स्‍वत: डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त हो जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस पुरस्कार से भारतीय आयुर्विज्ञान स्‍कूलों और पेशेवरों के अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इससे शैक्षणिक सहयोग और इसके आदान-प्रदान में भी सुविधा मिलेगी।

आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को भी मिलेगा बढ़ावा

यह आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ चिकित्सा शिक्षकों और संस्‍थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति को प्रोत्साहन देगा। वैश्विक स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त मानकों के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए पसंदीदा देश बन सकता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के बारे में

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) भारत में आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रैक्टिस के निरीक्षण के लिए भारत का अग्रणी नियामक निकाय है। यह निकाय देशभर में गुणवत्तापूर्ण आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह भारत का प्रमुख नियामक निकाय है जो चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास का निरीक्षण करता है। स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध, एनएमसी पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करता है।

वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) के बारे में

इसी प्रकार  वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक वैश्विक संस्‍था है जिसका मुख्‍य उद्देश्‍य आयुर्विज्ञान शिक्षा में उच्च वैज्ञानिक तथा नीतिपरक मानकों को बढ़ावा देने के साथ विश्‍व भर में आयुर्विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता को बढाना है। डब्ल्यूएफएमई एक वैश्विक संगठन है जो पूरी दुनिया में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। डब्ल्यूएफएमई द्वारा प्रदान की गई मान्यता यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उसे बनाए रखते हैं।

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नेशनल मेडिकल कमीशन को वर्ल्ड फेडरेशन ने 10 साल की दी मान्यता

भारत के सभी मौजूदा 706 आयुर्विज्ञान कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त होंगे, जबकि आगामी दस वर्षों में स्थापित होने वाले नए आयुर्विज्ञान कॉलेज स्‍वत: डब्ल्यूएफएमई मान्‍यता प्राप्‍त हो जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस पुरस्कार से भारतीय आयुर्विज्ञान स्‍कूलों और पेशेवरों के अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इससे शैक्षणिक सहयोग और इसके आदान-प्रदान में भी सुविधा मिलेगी।

आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को भी मिलेगा बढ़ावा

यह आयुर्विज्ञान शिक्षा में सतत सुधार और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ चिकित्सा शिक्षकों और संस्‍थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति को प्रोत्साहन देगा। वैश्विक स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त मानकों के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए पसंदीदा देश बन सकता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के बारे में

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) भारत में आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रैक्टिस के निरीक्षण के लिए भारत का अग्रणी नियामक निकाय है। यह निकाय देशभर में गुणवत्तापूर्ण आयुर्विज्ञान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह भारत का प्रमुख नियामक निकाय है जो चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास का निरीक्षण करता है। स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध, एनएमसी पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करता है।

वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) के बारे में

इसी प्रकार  वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक वैश्विक संस्‍था है जिसका मुख्‍य उद्देश्‍य आयुर्विज्ञान शिक्षा में उच्च वैज्ञानिक तथा नीतिपरक मानकों को बढ़ावा देने के साथ विश्‍व भर में आयुर्विज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता को बढाना है। डब्ल्यूएफएमई एक वैश्विक संगठन है जो पूरी दुनिया में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। डब्ल्यूएफएमई द्वारा प्रदान की गई मान्यता यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उसे बनाए रखते हैं।

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