– दौलत खां लोधी के आसपास निर्मित भवन के खिलाफ हो वैधानिक कार्यवाही
– शिकायत पर कलेक्टर ने जांच का जिम्मा सौंपा एडीएम को
Burhanpur Mp news बुरहानपुर(शारिक अख्तर दुररानी) बुरहानपुर जिले में बडी संख्या में पुरातात्विक महत्व की धरोहरें है जो देशी विदेशी सैलानियों को काफी आकर्षित करती है बुरहानपुर का नाम देश व प्रदेश के पर्यटन के नक्शे पर है सरकार देशी विदेशी सैलानियों को आकर्षित कर बुरहानपुर के इन ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहरों तक लाने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन जिले के तथाकथित भूममाफिया और जिला प्रशासन का तथाकथित मैदानी अमला सरकार के इन प्रयासों को पलिता लगा रहा है पुरातात्विक धरोहरो की सुरक्षा के लिए उसकी 300 मीटर की परिधि में बिना सक्षम अनुमति के निर्माण करना वर्जित है लेकिन बुरहानपुर में पुरातत्व विभाग की घोर लापरवाही व अनदेखी के चलते पुरातात्विक धरोहरो की सुरक्षा के लिए बने कानून मखौल उडाया जा रहा है
दौलत खा लोधी के मकबरे के पास बेरोकटोक निर्माण
कलेक्टर की जनसुनवाई में शहर के अधिवक्ता एडवोकेट जहीर उद्दीन अर्श जो कि हैद्राबाद सांसद असद उद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी के नगर अध्यक्ष भी है उन्होने लिखित में करीब 450 साल पूराने पुरातात्विक महत्व की ऐतिहासिक दौलत खां लोधी के मकबरे की 300 मीटर की परिधि मे कृषि भूमि का डायवर्जन कर व्यवसायिक निर्माण व कॉलोनिया विकसित की जाकर प्लॉटिंग किए जाने की जानकारी देते हुए नियम कानून का हवाला देकर इन सभी डायवर्जन को निरस्त कर इस जमीन का उपयोग कृषि प्रयोजन करने की मांग की है
जानिए क्या कहा शिकायतकर्ता ने
शिकायतकर्ता एडवोकेट जहीर उद्दीन ने बताया ग्राम एमागिर्द के खसरा नंबर 134 पर राज्य संरक्षित इमारत दौलत खा लोधी का मकबरा है जो लगभग 450 साल पूराना है चिंताजनक बात यह है कि दौलत खां लोधी के मकबरे के परिसर और उसके बगल की कृषि भूमि पर डायवर्जन हो चुका है और हो रहा है इसके बगल में जो धरोहर है जिसको रेसकोर्स के नाम से जाना जाता है वह भी 450 साल पूराना है उस कृषि जमीन पर भी डायवर्जन हो चुका है हमने कलेक्टर से यह शिकायत की है कि पुरातत्व अधिनियम के अनुसार ऐतिहासिक धरोहर के 100 मीटर की परिधि में निर्माण वर्जित है 200 व 300 मीटर के भीतर निर्माण करना है तो पुरातत्व विभाग की अनुमति लेनी पडेगी लेकिन दौलत खा लोधी के मकबरे में के 100 से लेकर 300 मीटर की परिधि के भीतर बेरोकटोक निर्माण चल रहा है कॉलोनिया विकसित हो रही है पुरातत्व विभाग और जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है बुरहानपुर देश प्रदेश के पर्यटन के नक्शे पर आ चुका है शासन व्दारा देशी विदेशी पर्यटकों को रिझाने के लिए काफी प्रयास किये जा रहे है लेकिन ऐतिहासिक धरोहरो के आसपास निर्माण हो जाएंगे तो पर्यटकों को उन स्थलों को देखने में परेशानी होगी और प्रदूषण से ऐतिहासिक धरोहरो के अस्तित्व को खतरा पैदा हो जाएगा इसके लिए पुरातत्व विभाग और स्थानीय प्रशासन का मैदानी अमला इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है हमने कलेक्टर बुरहानपुर से यह शिकायत की है कि दौलत खां लोधी के मकबरे के आसपास 300 मीटर की परिधि मेंजो जो जमीन के डायवर्जन आदेश हुए उन्हें निरस्त किए जाए इस भूमि को कृषि प्रयोजन में ली जाए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग व्दारा तैयार की गई बुरहानपुर योजना 2031 के लिए इस जमीन को शासकीय अर्धशासकीय, स्वास्थ्य सेवा, समाजसेवा शिक्षण संस्थान के लिए आरक्षित किया गया है जिला प्रशासन से मांग पूरी नहीं हुई तो इसके लिए जरूरत पडी तो कोर्ट में भी जाना पडे तो हम कोर्ट में जाएंगे
क्या कहते है अफसर –
इस संबंध में राज्य पुरातत्व विभाग भी समय समय पर नोटिस जारी करता है एक शिकायत पुरातत्व संपत्ति व वक्फ संपत्ति को लेकर आई थी उसमें पूर्व में कुछ आदेश होने का उल्लेखित किया गया था शिकायत पर पूरे मामले की जांच काजिम्मा एडीएम को दिया गया है यदि इस स्थान पर नगर एवं ग्राम निवेश यानी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग टीएनसीपी गाइड लाईन का उल्लंघन होता है और हमारे संज्ञान में आता है शहरी क्षेत्र में नगर निगम व्दारा और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत व्दारा कार्यवाही कराई जाती है- भव्या मित्तल – कलेक्टर बुरहानपुर