spot_imgspot_imgspot_img
Saturday, April 26, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Burhānpur
scattered clouds
31.2 ° C
31.2 °
31.2 °
23 %
0.7kmh
33 %
Sat
39 °
Sun
42 °
Mon
43 °
Tue
43 °
Wed
42 °

Pollution news :बुरहानपुर के उद्योग नगर में जलाउ लकडी की बंपर खपत, महाराष्ट्र छत्तीसगढ से हो रही लकडी की सप्लाई, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

Pollution news (शारिक अख्तर दुररानी)मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर मे कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लकड़ी का आयात हो रहा है कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से निकलने वाले धुएं से हो रहे प्रदूषण से पर्यावरण प्रेमियों की चिंताएं बढ़ गई है पर्यावरण प्रेमियों ने शासन प्रशासन से महाराष्ट्र से बड़ी मात्रा में लकड़ी का आयात प्रतिबंध लगाने और उद्योगपतियों को लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है लकड़ी की बढ़ती मांग के चलते तथागत लकड़ी माफिया वन विभाग की अनुज्ञा में गड़बड़ी कर इमारती लकड़ी को भी जलाने के लिए सप्लाई कर रहे हैं वन विभाग इस दिशा में और ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहा है

दरअसल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में कोयला और लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग होना चाहिए लेकिन उद्योगपति अपने रसूख और कोयला और वैकल्पिक ईंधन की कीमत अधिक होने के चलते टेक्सटाइल के उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में बड़ी मात्रा में लड़कियों को जलाया जा रहा है जिसे निकालने वाले धुएं से प्रदूषण होकर मानव शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है तो वही बड़ी मात्रा में सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र से भी ट्रैकों में भरकर लड़कियों की बड़ी खेत टेक्सटाइल उद्योगों की इकाइयों स्टीम बॉयलर में जलने के लिए पहुंच रही है जिससे अंधाधुन वन कटाई और लकड़ी की कालाबाजारी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जो अनुज्ञा पत्र जलाऊ लकड़ी का बनाया जाता है लेकिन अंदर ट्रैकों में इमारती लकड़ी भी हो सकती है इसका भौतिक सत्यापन भी वन विभाग द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट पर नहीं किया जा रहा है और उन्हें अनुज्ञा पत्र जारी कर रहे हैं जिससे कि पर्यावरण प्रेमी और आम आदमी पार्टी के शेख वसीम मैं इसकी चिंता जाहिर करते हुए बताया कि महाराष्ट्र से जो लकड़ी आ रही है उसे पर्यावरण दूषित हो रहा है हमारी मांग है कि लकड़ी की जगह स्टीम बॉयलर में कोयला या तो फिर गाना और भूसे से बने गुटको या फिर कोई और वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए जिससे कि पर्यावरण दूषित ना हो आगे वह बताते हैं कि जिससे कि वनों की अंधाधुंध कटाई पर भी अंकुश रहेगा क्योंकि वन अगर ऐसे ही काटते रहे तो ऑक्सीजन बचेगी ही नहीं और ना ही आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ फल फूल नहीं मिल पाएंगे हमारी सरकार और वन विभाग से मांगे की लकड़ी की जगह उद्योगों में दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए

वही रायपुर से ट्रक चला कर आ रहे शेख इरफान बताते हैं कि नीम की लकड़ी हम यहां लेकर पहुंचे हैं जिसका की वन विभाग की वन चौकी से हमें अनुज्ञा पत्र भी मिला है अब यह लकड़ी इमारत, फर्नीचर या फिर जलाने इस्तेमाल में आने वाली है यह हमको पता नहीं

वही इस पूरे मामले पर बुरहानपुर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि जो भी महाराष्ट्र और आसपास से लड़कियां बुरहानपुर पहुंचती है उसकी वकायदा अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जलाऊ लकड़ी की आड़ में दूसरी लकड़ी अगर पहुंच रही है तो हमने महाराष्ट्र के वन विभाग से भी इस संबंध में बात की है आपके यहां कौन-कौन सी प्रजातियां है जिस पर अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जो अनुज्ञा पत्र फ्री है जैसे ही यह जानकारी हमारे पास आ जाती है उसके बाद हम हमारे स्टाफ को निर्देशित करेंगे आप इसका भौतिक सत्यापन करें और उसके बाद ही अनुज्ञा पत्र जारी करें और हम इस संबंध में समय-समय पर सरप्राइज चेकिंग अभियान भी चलाएंगे

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

Pollution news :बुरहानपुर के उद्योग नगर में जलाउ लकडी की बंपर खपत, महाराष्ट्र छत्तीसगढ से हो रही लकडी की सप्लाई, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

Pollution news (शारिक अख्तर दुररानी)मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर मे कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लकड़ी का आयात हो रहा है कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से निकलने वाले धुएं से हो रहे प्रदूषण से पर्यावरण प्रेमियों की चिंताएं बढ़ गई है पर्यावरण प्रेमियों ने शासन प्रशासन से महाराष्ट्र से बड़ी मात्रा में लकड़ी का आयात प्रतिबंध लगाने और उद्योगपतियों को लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है लकड़ी की बढ़ती मांग के चलते तथागत लकड़ी माफिया वन विभाग की अनुज्ञा में गड़बड़ी कर इमारती लकड़ी को भी जलाने के लिए सप्लाई कर रहे हैं वन विभाग इस दिशा में और ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहा है

दरअसल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में कोयला और लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग होना चाहिए लेकिन उद्योगपति अपने रसूख और कोयला और वैकल्पिक ईंधन की कीमत अधिक होने के चलते टेक्सटाइल के उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में बड़ी मात्रा में लड़कियों को जलाया जा रहा है जिसे निकालने वाले धुएं से प्रदूषण होकर मानव शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है तो वही बड़ी मात्रा में सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र से भी ट्रैकों में भरकर लड़कियों की बड़ी खेत टेक्सटाइल उद्योगों की इकाइयों स्टीम बॉयलर में जलने के लिए पहुंच रही है जिससे अंधाधुन वन कटाई और लकड़ी की कालाबाजारी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जो अनुज्ञा पत्र जलाऊ लकड़ी का बनाया जाता है लेकिन अंदर ट्रैकों में इमारती लकड़ी भी हो सकती है इसका भौतिक सत्यापन भी वन विभाग द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट पर नहीं किया जा रहा है और उन्हें अनुज्ञा पत्र जारी कर रहे हैं जिससे कि पर्यावरण प्रेमी और आम आदमी पार्टी के शेख वसीम मैं इसकी चिंता जाहिर करते हुए बताया कि महाराष्ट्र से जो लकड़ी आ रही है उसे पर्यावरण दूषित हो रहा है हमारी मांग है कि लकड़ी की जगह स्टीम बॉयलर में कोयला या तो फिर गाना और भूसे से बने गुटको या फिर कोई और वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए जिससे कि पर्यावरण दूषित ना हो आगे वह बताते हैं कि जिससे कि वनों की अंधाधुंध कटाई पर भी अंकुश रहेगा क्योंकि वन अगर ऐसे ही काटते रहे तो ऑक्सीजन बचेगी ही नहीं और ना ही आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ फल फूल नहीं मिल पाएंगे हमारी सरकार और वन विभाग से मांगे की लकड़ी की जगह उद्योगों में दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए

वही रायपुर से ट्रक चला कर आ रहे शेख इरफान बताते हैं कि नीम की लकड़ी हम यहां लेकर पहुंचे हैं जिसका की वन विभाग की वन चौकी से हमें अनुज्ञा पत्र भी मिला है अब यह लकड़ी इमारत, फर्नीचर या फिर जलाने इस्तेमाल में आने वाली है यह हमको पता नहीं

वही इस पूरे मामले पर बुरहानपुर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि जो भी महाराष्ट्र और आसपास से लड़कियां बुरहानपुर पहुंचती है उसकी वकायदा अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जलाऊ लकड़ी की आड़ में दूसरी लकड़ी अगर पहुंच रही है तो हमने महाराष्ट्र के वन विभाग से भी इस संबंध में बात की है आपके यहां कौन-कौन सी प्रजातियां है जिस पर अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जो अनुज्ञा पत्र फ्री है जैसे ही यह जानकारी हमारे पास आ जाती है उसके बाद हम हमारे स्टाफ को निर्देशित करेंगे आप इसका भौतिक सत्यापन करें और उसके बाद ही अनुज्ञा पत्र जारी करें और हम इस संबंध में समय-समय पर सरप्राइज चेकिंग अभियान भी चलाएंगे

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -
- Advertisement -

Latest Articles

Pollution news :बुरहानपुर के उद्योग नगर में जलाउ लकडी की बंपर खपत, महाराष्ट्र छत्तीसगढ से हो रही लकडी की सप्लाई, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

Pollution news (शारिक अख्तर दुररानी)मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर मे कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लकड़ी का आयात हो रहा है कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से निकलने वाले धुएं से हो रहे प्रदूषण से पर्यावरण प्रेमियों की चिंताएं बढ़ गई है पर्यावरण प्रेमियों ने शासन प्रशासन से महाराष्ट्र से बड़ी मात्रा में लकड़ी का आयात प्रतिबंध लगाने और उद्योगपतियों को लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है लकड़ी की बढ़ती मांग के चलते तथागत लकड़ी माफिया वन विभाग की अनुज्ञा में गड़बड़ी कर इमारती लकड़ी को भी जलाने के लिए सप्लाई कर रहे हैं वन विभाग इस दिशा में और ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहा है

दरअसल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में कोयला और लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग होना चाहिए लेकिन उद्योगपति अपने रसूख और कोयला और वैकल्पिक ईंधन की कीमत अधिक होने के चलते टेक्सटाइल के उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में बड़ी मात्रा में लड़कियों को जलाया जा रहा है जिसे निकालने वाले धुएं से प्रदूषण होकर मानव शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है तो वही बड़ी मात्रा में सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र से भी ट्रैकों में भरकर लड़कियों की बड़ी खेत टेक्सटाइल उद्योगों की इकाइयों स्टीम बॉयलर में जलने के लिए पहुंच रही है जिससे अंधाधुन वन कटाई और लकड़ी की कालाबाजारी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जो अनुज्ञा पत्र जलाऊ लकड़ी का बनाया जाता है लेकिन अंदर ट्रैकों में इमारती लकड़ी भी हो सकती है इसका भौतिक सत्यापन भी वन विभाग द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट पर नहीं किया जा रहा है और उन्हें अनुज्ञा पत्र जारी कर रहे हैं जिससे कि पर्यावरण प्रेमी और आम आदमी पार्टी के शेख वसीम मैं इसकी चिंता जाहिर करते हुए बताया कि महाराष्ट्र से जो लकड़ी आ रही है उसे पर्यावरण दूषित हो रहा है हमारी मांग है कि लकड़ी की जगह स्टीम बॉयलर में कोयला या तो फिर गाना और भूसे से बने गुटको या फिर कोई और वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए जिससे कि पर्यावरण दूषित ना हो आगे वह बताते हैं कि जिससे कि वनों की अंधाधुंध कटाई पर भी अंकुश रहेगा क्योंकि वन अगर ऐसे ही काटते रहे तो ऑक्सीजन बचेगी ही नहीं और ना ही आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ फल फूल नहीं मिल पाएंगे हमारी सरकार और वन विभाग से मांगे की लकड़ी की जगह उद्योगों में दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए

वही रायपुर से ट्रक चला कर आ रहे शेख इरफान बताते हैं कि नीम की लकड़ी हम यहां लेकर पहुंचे हैं जिसका की वन विभाग की वन चौकी से हमें अनुज्ञा पत्र भी मिला है अब यह लकड़ी इमारत, फर्नीचर या फिर जलाने इस्तेमाल में आने वाली है यह हमको पता नहीं

वही इस पूरे मामले पर बुरहानपुर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि जो भी महाराष्ट्र और आसपास से लड़कियां बुरहानपुर पहुंचती है उसकी वकायदा अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जलाऊ लकड़ी की आड़ में दूसरी लकड़ी अगर पहुंच रही है तो हमने महाराष्ट्र के वन विभाग से भी इस संबंध में बात की है आपके यहां कौन-कौन सी प्रजातियां है जिस पर अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जो अनुज्ञा पत्र फ्री है जैसे ही यह जानकारी हमारे पास आ जाती है उसके बाद हम हमारे स्टाफ को निर्देशित करेंगे आप इसका भौतिक सत्यापन करें और उसके बाद ही अनुज्ञा पत्र जारी करें और हम इस संबंध में समय-समय पर सरप्राइज चेकिंग अभियान भी चलाएंगे

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

Pollution news :बुरहानपुर के उद्योग नगर में जलाउ लकडी की बंपर खपत, महाराष्ट्र छत्तीसगढ से हो रही लकडी की सप्लाई, पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

Pollution news (शारिक अख्तर दुररानी)मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर मे कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लकड़ी का आयात हो रहा है कोयले की जगह लकड़ी का उपयोग होने से निकलने वाले धुएं से हो रहे प्रदूषण से पर्यावरण प्रेमियों की चिंताएं बढ़ गई है पर्यावरण प्रेमियों ने शासन प्रशासन से महाराष्ट्र से बड़ी मात्रा में लकड़ी का आयात प्रतिबंध लगाने और उद्योगपतियों को लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है लकड़ी की बढ़ती मांग के चलते तथागत लकड़ी माफिया वन विभाग की अनुज्ञा में गड़बड़ी कर इमारती लकड़ी को भी जलाने के लिए सप्लाई कर रहे हैं वन विभाग इस दिशा में और ठोस कार्रवाई करने की बात कह रहा है

दरअसल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में टेक्सटाइल उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में कोयला और लकड़ी की जगह वैकल्पिक ईंधन उपयोग होना चाहिए लेकिन उद्योगपति अपने रसूख और कोयला और वैकल्पिक ईंधन की कीमत अधिक होने के चलते टेक्सटाइल के उद्योग इकाइयों में स्टीम बॉयलर में बड़ी मात्रा में लड़कियों को जलाया जा रहा है जिसे निकालने वाले धुएं से प्रदूषण होकर मानव शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है तो वही बड़ी मात्रा में सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र से भी ट्रैकों में भरकर लड़कियों की बड़ी खेत टेक्सटाइल उद्योगों की इकाइयों स्टीम बॉयलर में जलने के लिए पहुंच रही है जिससे अंधाधुन वन कटाई और लकड़ी की कालाबाजारी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जो अनुज्ञा पत्र जलाऊ लकड़ी का बनाया जाता है लेकिन अंदर ट्रैकों में इमारती लकड़ी भी हो सकती है इसका भौतिक सत्यापन भी वन विभाग द्वारा बनाए गए चेक पोस्ट पर नहीं किया जा रहा है और उन्हें अनुज्ञा पत्र जारी कर रहे हैं जिससे कि पर्यावरण प्रेमी और आम आदमी पार्टी के शेख वसीम मैं इसकी चिंता जाहिर करते हुए बताया कि महाराष्ट्र से जो लकड़ी आ रही है उसे पर्यावरण दूषित हो रहा है हमारी मांग है कि लकड़ी की जगह स्टीम बॉयलर में कोयला या तो फिर गाना और भूसे से बने गुटको या फिर कोई और वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए जिससे कि पर्यावरण दूषित ना हो आगे वह बताते हैं कि जिससे कि वनों की अंधाधुंध कटाई पर भी अंकुश रहेगा क्योंकि वन अगर ऐसे ही काटते रहे तो ऑक्सीजन बचेगी ही नहीं और ना ही आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण के साथ फल फूल नहीं मिल पाएंगे हमारी सरकार और वन विभाग से मांगे की लकड़ी की जगह उद्योगों में दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए

वही रायपुर से ट्रक चला कर आ रहे शेख इरफान बताते हैं कि नीम की लकड़ी हम यहां लेकर पहुंचे हैं जिसका की वन विभाग की वन चौकी से हमें अनुज्ञा पत्र भी मिला है अब यह लकड़ी इमारत, फर्नीचर या फिर जलाने इस्तेमाल में आने वाली है यह हमको पता नहीं

वही इस पूरे मामले पर बुरहानपुर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि जो भी महाराष्ट्र और आसपास से लड़कियां बुरहानपुर पहुंचती है उसकी वकायदा अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जलाऊ लकड़ी की आड़ में दूसरी लकड़ी अगर पहुंच रही है तो हमने महाराष्ट्र के वन विभाग से भी इस संबंध में बात की है आपके यहां कौन-कौन सी प्रजातियां है जिस पर अनुज्ञा पत्र जारी होता है और जो अनुज्ञा पत्र फ्री है जैसे ही यह जानकारी हमारे पास आ जाती है उसके बाद हम हमारे स्टाफ को निर्देशित करेंगे आप इसका भौतिक सत्यापन करें और उसके बाद ही अनुज्ञा पत्र जारी करें और हम इस संबंध में समय-समय पर सरप्राइज चेकिंग अभियान भी चलाएंगे

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles