Loksabha 2024बुरहानपुर (शारिक अख्तर दुररानी) लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बडी संख्या में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक कांग्रेस(Congress Party) का दामन छोड बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस को झटका दे रहे है लेकिन पूर्व पीसीसी चीफ अरूण यादव(Arun Subhase Yadav) के गढ बुरहानपुर जिले में स्थित आदिवासी ब्लॉक की जनपद पंचायत खकनार (Janpad Panchayat Khaknar) के अध्यक्ष पद के हुए उपचुनाव में जो परिणाम आए है उससे बीजेपी को हल्का झटका जरूर लग सकता है आज हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी राकेश सोलंकी खकनार जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए है कुल 25 सदस्य संख्या वाले इस चुनाव में कांग्रेस समर्थित राकेश सोलंकी को 15 जबकि बीजेपी समर्थित प्रत्याशी शिवलाल देवराम को 10 वोट हासिल हुए है
सच्चाई और ईमानदारी की जीत हुई
जनपद अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए राकेश सोलंकी ने पत्रकारों को बताया यह सच्चाई की जीत है इससे पहले भी हमने चुनाव लडा था हमारे साथ धोखा हुआ था बीजेपी समर्थित जनपद सदस्य अधिक होने के बाद भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के रूप में विजय होने पर उन्होने कहा पहले धनबल के आधार पर जीत दर्ज की गई थी लेकिन हमने सच्चाई और ईमानदारी से चुनाव लडा सदस्यों ने हम पर विश्वास जताया हम अपने सदस्यों की विश्वास की कसौटी पर पूरा खरा उतरेंगे उन्होने अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा जनपद पंचायत खकनार के अधीन पंचायतों में रूके विकास कार्य कराए जाएंगे कांग्रेस समर्थित पंचायतों में जो भेदभाव किया जाता है उसे दूर किया जाएगा खकनार जनपद पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है अब हम लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत के लिए एकजुट होकर मेहनत करेंगे
अरूण यादव जिंदाबाद के लगे नारे
हालांकि लगातार चुनावो में मिल रही हार से हताश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लग रहा था कि इस चुनाव में भी उन्हें सफलता मिलना मुश्किल है लेकिन जैसे ही परिणाम कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में आए वैसे ही हताश कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के चेहरे खुशी से खिल उठे और सभी कार्यकर्ताओं ने अरूण यादव जिंदाबाद के नारे लगाए
आदिवासी मतदाता बीजेपी से खफा
लोकसभा चुनाव के पहले हुए आदिवासी बाहुल्य खकनार ब्लॉक की जनपद पंचायत खकनार के अध्यक्ष पद के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत पर जानकारों के अनुसार यह इस बात का संकेत है कि बीजेपी से आदिवासी जनता नाराज है इस परिणाम को बीजेपी ने गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र में आदिवासियों की बीजेपी के प्रति नाराजगी को दूर करने की जरूरत है