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Friday, August 1, 2025
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laptop tab:लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध, केंद्र सरकार के फैसले का कैट ने किया स्वागत

 

laptop tab केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर रोक लगा दिया है। ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया गया है। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है।

आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य

इस अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या
सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी।

घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। कारोबारी संगठन ने कहा कि सरकार के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय वस्तुओं की बढ़ेगी मांग

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अबतक विदेशी सामान विशाल भारतीय बाजार पर कब्जा कर रहे थे, जिससे उपभोक्ता और स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से गुणवत्तापूर्ण भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ेगी और दूसरे देशों में भारतीय मुद्रा का अनावश्यक प्रवाह रुकेगा।

ब्रांडेड सामानों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

खंडेलवाल और कैट डिजिटल टेक्नोलॉजी कमेटी के संयोजक पुनीत सिंघल ने कहा कि इससे रिफर्बिश्ड वस्तुओं के आयात को रोका जा सकेगा। साथ ही यह घटिया उत्पादों के आयात को रोकेगा। उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडेड सामानों के पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क शून्य है। यह फ्लाई बाई नाइट आयात को भी हतोत्साहित करेगा, जो मुख्य तौर पर जीएसटी की चोरी करता है।

भारत में बढ़ेगा निवेश

कारोबारी नेता ने कहा कि इस कदम से विदेशी कंपनियां जो भारत को एक विशाल बाजार मानती हैं, उन्हें भारत में अपने विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत में निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दरअसल विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज जारी एक अधिसूचना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया है।

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मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया गया है। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है।

आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य

इस अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या
सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी।

घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। कारोबारी संगठन ने कहा कि सरकार के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय वस्तुओं की बढ़ेगी मांग

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अबतक विदेशी सामान विशाल भारतीय बाजार पर कब्जा कर रहे थे, जिससे उपभोक्ता और स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से गुणवत्तापूर्ण भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ेगी और दूसरे देशों में भारतीय मुद्रा का अनावश्यक प्रवाह रुकेगा।

ब्रांडेड सामानों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

खंडेलवाल और कैट डिजिटल टेक्नोलॉजी कमेटी के संयोजक पुनीत सिंघल ने कहा कि इससे रिफर्बिश्ड वस्तुओं के आयात को रोका जा सकेगा। साथ ही यह घटिया उत्पादों के आयात को रोकेगा। उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडेड सामानों के पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क शून्य है। यह फ्लाई बाई नाइट आयात को भी हतोत्साहित करेगा, जो मुख्य तौर पर जीएसटी की चोरी करता है।

भारत में बढ़ेगा निवेश

कारोबारी नेता ने कहा कि इस कदम से विदेशी कंपनियां जो भारत को एक विशाल बाजार मानती हैं, उन्हें भारत में अपने विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत में निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दरअसल विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज जारी एक अधिसूचना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया है।

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मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया गया है। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है।

आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य

इस अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या
सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी।

घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। कारोबारी संगठन ने कहा कि सरकार के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय वस्तुओं की बढ़ेगी मांग

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अबतक विदेशी सामान विशाल भारतीय बाजार पर कब्जा कर रहे थे, जिससे उपभोक्ता और स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से गुणवत्तापूर्ण भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ेगी और दूसरे देशों में भारतीय मुद्रा का अनावश्यक प्रवाह रुकेगा।

ब्रांडेड सामानों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

खंडेलवाल और कैट डिजिटल टेक्नोलॉजी कमेटी के संयोजक पुनीत सिंघल ने कहा कि इससे रिफर्बिश्ड वस्तुओं के आयात को रोका जा सकेगा। साथ ही यह घटिया उत्पादों के आयात को रोकेगा। उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडेड सामानों के पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क शून्य है। यह फ्लाई बाई नाइट आयात को भी हतोत्साहित करेगा, जो मुख्य तौर पर जीएसटी की चोरी करता है।

भारत में बढ़ेगा निवेश

कारोबारी नेता ने कहा कि इस कदम से विदेशी कंपनियां जो भारत को एक विशाल बाजार मानती हैं, उन्हें भारत में अपने विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत में निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दरअसल विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज जारी एक अधिसूचना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया है।

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मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाल दिया गया है। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है।

आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य

इस अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या
सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी।

घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया है। कारोबारी संगठन ने कहा कि सरकार के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण और खपत को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय वस्तुओं की बढ़ेगी मांग

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अबतक विदेशी सामान विशाल भारतीय बाजार पर कब्जा कर रहे थे, जिससे उपभोक्ता और स्थानीय व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से गुणवत्तापूर्ण भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ेगी और दूसरे देशों में भारतीय मुद्रा का अनावश्यक प्रवाह रुकेगा।

ब्रांडेड सामानों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

खंडेलवाल और कैट डिजिटल टेक्नोलॉजी कमेटी के संयोजक पुनीत सिंघल ने कहा कि इससे रिफर्बिश्ड वस्तुओं के आयात को रोका जा सकेगा। साथ ही यह घटिया उत्पादों के आयात को रोकेगा। उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडेड सामानों के पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क शून्य है। यह फ्लाई बाई नाइट आयात को भी हतोत्साहित करेगा, जो मुख्य तौर पर जीएसटी की चोरी करता है।

भारत में बढ़ेगा निवेश

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