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Saturday, April 26, 2025
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Banana-Turmeric Festival : मप्र के बुरहानपुर में होगा दो दिनी ‘‘केला-हल्दी फेस्टिवल‘‘ का आयोजन-अर्चना चिटनिस

Banana-Turmeric Festival :बुरहानपुर। विगत वर्षों में बुरहानपुर उद्यानिकी फसलों में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल हुआ है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के प्रयासों के परिणाम स्वरूप वर्ष 2005 में भारत सरकार में कृषि विभाग में सचिव श्रीमती राधासिंह से पत्राचार कर भारत सरकार के नेशनल हार्टिकल्चर मिशन में बुरहानपुर जिले को शामिल कराने के बाद से मिशन के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई सब्सिडी, तकनीकी मदद और केले की उन्नत किस्म की उपलब्धता होने से जिलें में केले का रकबा 35 हजार हेक्टेयर से भी अधिक हो गया है। केले की फसल ने जिले के किसानों को समृद्ध बनाने और जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

जानिए क्यों पसंद किया जा रहा है खाडी देशों में बुरहानपुर का केला

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय उत्पादनों के माध्मय से प्रत्येक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सृदृढ़न और गतिशील बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बुरहानपुर जिले के लिए केला को ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘ कार्यक्रम में शामिल किया गया था। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम में जिले की अन्य महत्वपूर्ण फसलों को भी शामिल किए जाने के भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के आग्रह पर वर्ष 2021 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य उत्पादनों को भी शामिल करने का आग्रह स्वीकार किया गया। जिसके अनुक्रम मेें हल्दी को बुरहानपुर जिले के लिए ‘‘एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम‘‘ में केले के साथ शामिल किया गया है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि जिले में केले के बाद सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल हल्दी है। केले और हल्दी दोनों ही फसलों की प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों से इन्हें उगाने वाले किसानों की आय में और वृद्धि होने की अपार संभावनाएं है। प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए निजी निवेश आमंत्रित करके स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केले के फाइबर से टेक्सटॉइल व अन्य वस्तुओं के निर्माण की गतिविधियों को महज शोकेस से निकालकर इनका उत्पादन वाणिज्यिक स्तर पर करने की आवश्यकता है और इस बात को ध्यान में रखते हुए 20 और 21 फरवरी 2024 को बुरहानपुर में ‘‘केला-हल्दी फेस्टिवल‘‘ का आयोजन जिला प्रशासन, कृषि, उद्यानिकी, एमएसएमई एवं कुटीर उद्योग विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। किसान, वैज्ञानिक और बाजार में बी टू बी कनेक्ट करने के लिए आयोजन के माध्यम से एक फ्लेटफार्म मिलेगा। इस आयोजन में जिले के कृषकों को एवं इस क्षेत्र में निजी निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
उक्त आयोजन को फलीभूत क्रियान्वयन में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू राजेंद्र दादू एवं जिला प्रशासन का सतत योगदान रहा।

पढिए राशन दुकानों पर जिला प्रशासन ने क्यों लगाया जुर्माना

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि विगत दिनों दिल्ली प्रवास पर इस आयोजन के संबंध में उन्होंने केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, उद्यानिकी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिर्देशक एसके सिंह तथा भारत सरकार के उद्यानिकी आयुक्त डॉ.प्रभात कुमार से भेंट कर इस आयोजन में भारत सरकार का सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। वहीं प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायणसिंह कुशवाह को उक्त आयोजन हेतु आमंत्रित किया हैं।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि उद्यानिकी फसलें 33.47 हजार हेक्टेयर में उगाई जाती है जिनका उत्पादन लगभग 1915 हजार टन होता है। उगाई जाने वाली प्रमुख नकदी फसलें फल, सब्जियां, फूल, औषधीय और सुगंधित पौधे और मसाले है। केला, अदरक और हल्दी बुरहानपुर जिले में मुख्य आय पैदा करने वाली फसल है। इन फसलों के तहत अनुमानित क्षेत्र 24,729 हेक्टेयर 220 हेक्टेयर, 1672 हेक्टेयर है तथा उत्पादन क्रमशः 17,31,030 मीट्रिक टन, 4,375 मीट्रिक टन और 43,881 मीट्रिक टन है। जिले में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में केले की खेती होती है। जिले मेें उत्पादित हल्दी की करक्यूमिन सामग्री को देश में सबसे अधिक माना जाता है।

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Banana-Turmeric Festival :बुरहानपुर। विगत वर्षों में बुरहानपुर उद्यानिकी फसलों में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल हुआ है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के प्रयासों के परिणाम स्वरूप वर्ष 2005 में भारत सरकार में कृषि विभाग में सचिव श्रीमती राधासिंह से पत्राचार कर भारत सरकार के नेशनल हार्टिकल्चर मिशन में बुरहानपुर जिले को शामिल कराने के बाद से मिशन के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई सब्सिडी, तकनीकी मदद और केले की उन्नत किस्म की उपलब्धता होने से जिलें में केले का रकबा 35 हजार हेक्टेयर से भी अधिक हो गया है। केले की फसल ने जिले के किसानों को समृद्ध बनाने और जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय उत्पादनों के माध्मय से प्रत्येक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सृदृढ़न और गतिशील बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बुरहानपुर जिले के लिए केला को ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘ कार्यक्रम में शामिल किया गया था। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम में जिले की अन्य महत्वपूर्ण फसलों को भी शामिल किए जाने के भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के आग्रह पर वर्ष 2021 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य उत्पादनों को भी शामिल करने का आग्रह स्वीकार किया गया। जिसके अनुक्रम मेें हल्दी को बुरहानपुर जिले के लिए ‘‘एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम‘‘ में केले के साथ शामिल किया गया है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि जिले में केले के बाद सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल हल्दी है। केले और हल्दी दोनों ही फसलों की प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों से इन्हें उगाने वाले किसानों की आय में और वृद्धि होने की अपार संभावनाएं है। प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए निजी निवेश आमंत्रित करके स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केले के फाइबर से टेक्सटॉइल व अन्य वस्तुओं के निर्माण की गतिविधियों को महज शोकेस से निकालकर इनका उत्पादन वाणिज्यिक स्तर पर करने की आवश्यकता है और इस बात को ध्यान में रखते हुए 20 और 21 फरवरी 2024 को बुरहानपुर में ‘‘केला-हल्दी फेस्टिवल‘‘ का आयोजन जिला प्रशासन, कृषि, उद्यानिकी, एमएसएमई एवं कुटीर उद्योग विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। किसान, वैज्ञानिक और बाजार में बी टू बी कनेक्ट करने के लिए आयोजन के माध्यम से एक फ्लेटफार्म मिलेगा। इस आयोजन में जिले के कृषकों को एवं इस क्षेत्र में निजी निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
उक्त आयोजन को फलीभूत क्रियान्वयन में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू राजेंद्र दादू एवं जिला प्रशासन का सतत योगदान रहा।

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श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि विगत दिनों दिल्ली प्रवास पर इस आयोजन के संबंध में उन्होंने केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, उद्यानिकी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिर्देशक एसके सिंह तथा भारत सरकार के उद्यानिकी आयुक्त डॉ.प्रभात कुमार से भेंट कर इस आयोजन में भारत सरकार का सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। वहीं प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायणसिंह कुशवाह को उक्त आयोजन हेतु आमंत्रित किया हैं।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि उद्यानिकी फसलें 33.47 हजार हेक्टेयर में उगाई जाती है जिनका उत्पादन लगभग 1915 हजार टन होता है। उगाई जाने वाली प्रमुख नकदी फसलें फल, सब्जियां, फूल, औषधीय और सुगंधित पौधे और मसाले है। केला, अदरक और हल्दी बुरहानपुर जिले में मुख्य आय पैदा करने वाली फसल है। इन फसलों के तहत अनुमानित क्षेत्र 24,729 हेक्टेयर 220 हेक्टेयर, 1672 हेक्टेयर है तथा उत्पादन क्रमशः 17,31,030 मीट्रिक टन, 4,375 मीट्रिक टन और 43,881 मीट्रिक टन है। जिले में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में केले की खेती होती है। जिले मेें उत्पादित हल्दी की करक्यूमिन सामग्री को देश में सबसे अधिक माना जाता है।

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जानिए क्यों पसंद किया जा रहा है खाडी देशों में बुरहानपुर का केला

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय उत्पादनों के माध्मय से प्रत्येक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सृदृढ़न और गतिशील बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बुरहानपुर जिले के लिए केला को ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘ कार्यक्रम में शामिल किया गया था। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम में जिले की अन्य महत्वपूर्ण फसलों को भी शामिल किए जाने के भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के आग्रह पर वर्ष 2021 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य उत्पादनों को भी शामिल करने का आग्रह स्वीकार किया गया। जिसके अनुक्रम मेें हल्दी को बुरहानपुर जिले के लिए ‘‘एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम‘‘ में केले के साथ शामिल किया गया है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि जिले में केले के बाद सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल हल्दी है। केले और हल्दी दोनों ही फसलों की प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों से इन्हें उगाने वाले किसानों की आय में और वृद्धि होने की अपार संभावनाएं है। प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए निजी निवेश आमंत्रित करके स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केले के फाइबर से टेक्सटॉइल व अन्य वस्तुओं के निर्माण की गतिविधियों को महज शोकेस से निकालकर इनका उत्पादन वाणिज्यिक स्तर पर करने की आवश्यकता है और इस बात को ध्यान में रखते हुए 20 और 21 फरवरी 2024 को बुरहानपुर में ‘‘केला-हल्दी फेस्टिवल‘‘ का आयोजन जिला प्रशासन, कृषि, उद्यानिकी, एमएसएमई एवं कुटीर उद्योग विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। किसान, वैज्ञानिक और बाजार में बी टू बी कनेक्ट करने के लिए आयोजन के माध्यम से एक फ्लेटफार्म मिलेगा। इस आयोजन में जिले के कृषकों को एवं इस क्षेत्र में निजी निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
उक्त आयोजन को फलीभूत क्रियान्वयन में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू राजेंद्र दादू एवं जिला प्रशासन का सतत योगदान रहा।

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श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि उद्यानिकी फसलें 33.47 हजार हेक्टेयर में उगाई जाती है जिनका उत्पादन लगभग 1915 हजार टन होता है। उगाई जाने वाली प्रमुख नकदी फसलें फल, सब्जियां, फूल, औषधीय और सुगंधित पौधे और मसाले है। केला, अदरक और हल्दी बुरहानपुर जिले में मुख्य आय पैदा करने वाली फसल है। इन फसलों के तहत अनुमानित क्षेत्र 24,729 हेक्टेयर 220 हेक्टेयर, 1672 हेक्टेयर है तथा उत्पादन क्रमशः 17,31,030 मीट्रिक टन, 4,375 मीट्रिक टन और 43,881 मीट्रिक टन है। जिले में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में केले की खेती होती है। जिले मेें उत्पादित हल्दी की करक्यूमिन सामग्री को देश में सबसे अधिक माना जाता है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय उत्पादनों के माध्मय से प्रत्येक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सृदृढ़न और गतिशील बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बुरहानपुर जिले के लिए केला को ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘ कार्यक्रम में शामिल किया गया था। ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ कार्यक्रम में जिले की अन्य महत्वपूर्ण फसलों को भी शामिल किए जाने के भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के आग्रह पर वर्ष 2021 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य उत्पादनों को भी शामिल करने का आग्रह स्वीकार किया गया। जिसके अनुक्रम मेें हल्दी को बुरहानपुर जिले के लिए ‘‘एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम‘‘ में केले के साथ शामिल किया गया है। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि जिले में केले के बाद सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल हल्दी है। केले और हल्दी दोनों ही फसलों की प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों से इन्हें उगाने वाले किसानों की आय में और वृद्धि होने की अपार संभावनाएं है। प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए निजी निवेश आमंत्रित करके स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए केले के फाइबर से टेक्सटॉइल व अन्य वस्तुओं के निर्माण की गतिविधियों को महज शोकेस से निकालकर इनका उत्पादन वाणिज्यिक स्तर पर करने की आवश्यकता है और इस बात को ध्यान में रखते हुए 20 और 21 फरवरी 2024 को बुरहानपुर में ‘‘केला-हल्दी फेस्टिवल‘‘ का आयोजन जिला प्रशासन, कृषि, उद्यानिकी, एमएसएमई एवं कुटीर उद्योग विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। किसान, वैज्ञानिक और बाजार में बी टू बी कनेक्ट करने के लिए आयोजन के माध्यम से एक फ्लेटफार्म मिलेगा। इस आयोजन में जिले के कृषकों को एवं इस क्षेत्र में निजी निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
उक्त आयोजन को फलीभूत क्रियान्वयन में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू राजेंद्र दादू एवं जिला प्रशासन का सतत योगदान रहा।

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श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि विगत दिनों दिल्ली प्रवास पर इस आयोजन के संबंध में उन्होंने केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, उद्यानिकी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिर्देशक एसके सिंह तथा भारत सरकार के उद्यानिकी आयुक्त डॉ.प्रभात कुमार से भेंट कर इस आयोजन में भारत सरकार का सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। वहीं प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायणसिंह कुशवाह को उक्त आयोजन हेतु आमंत्रित किया हैं।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि उद्यानिकी फसलें 33.47 हजार हेक्टेयर में उगाई जाती है जिनका उत्पादन लगभग 1915 हजार टन होता है। उगाई जाने वाली प्रमुख नकदी फसलें फल, सब्जियां, फूल, औषधीय और सुगंधित पौधे और मसाले है। केला, अदरक और हल्दी बुरहानपुर जिले में मुख्य आय पैदा करने वाली फसल है। इन फसलों के तहत अनुमानित क्षेत्र 24,729 हेक्टेयर 220 हेक्टेयर, 1672 हेक्टेयर है तथा उत्पादन क्रमशः 17,31,030 मीट्रिक टन, 4,375 मीट्रिक टन और 43,881 मीट्रिक टन है। जिले में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में केले की खेती होती है। जिले मेें उत्पादित हल्दी की करक्यूमिन सामग्री को देश में सबसे अधिक माना जाता है।

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